बालिका दिवस पर विशेष : बिना बिटिया के घर सुनसान

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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे पहली बार 2012 में लैंगिक असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लड़कियों के अधिकारों और सशक्तिकरण की वकालत करने के तरीके के रूप में मनाया गया था।
हर साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित कीजाती है. 2023 की थीम ‘लड़कियों के अधिकारों में निवेश करें: हमारा नेतृत्व, हमारा कल्याण’ रखी गई है——

बालिका दिवस पर विशेष—

बेटियों की ललकार—

उठो बेटियों
करो आगाज
भरो ललकार दो हुंकार-2

नया आवरण ओढ लो
हाथों को मजबूत करो
बहती नदी की धारा मोड़ो
तूफानों का रूख बिगाड़ो

सैलाब के आगे फौलाद बनो
शब्दों को शस्त्र सी धार दो
लिखो तो फिर इक आग लिखो
क्रांति का महापाठ लिखो
उठो बेटियों
करो आगाज
भरो ललकार, दो हुंकार

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दुस्तर पथ है
मन का बवंड़र है
कैसी विकट है
कांटो से लटपट है

ना खिले फूल
ना मिले कोमल तृण
तू ही बन चट्टान
तप जा भर दोपहर

सह ले हर ऋतु
प्रण ले बन जा समंदर तू
विशाल , अथाह, गहरी
नाप ना पाये कोई प्रहरी

खुद में भर ले उमंग लहरें
किनारे टकरा पर ना हो पस्त
लक्ष्य सूर्य ना हो कभी अस्त।
उठो बेटियों
करो आगाज
भरो ललकार दो हुंकार

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-सुषमा व्यास ‘राजनिधि’
इंदौर

बिटिया सृजनहार
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बिटिया सृजन हार ,
तुम मनुज आधार,
हो शक्ति पूंज संस्कार,
समाज निर्माण हो।

राष्ट्र निर्मात्री दृढ़ तू,
मानवीय खुशबू तू,
कर्म क्षेत्र महकाती,
ज्ञान देवी मान हो।

आध्यात्मिक चेतन्यता,
वीर संस्कार धन्यता,
त्याग आदर्श की मूर्ति,
सम्मानीय शान हो ।

जगत की शिल्पकार ,
शिक्षा, नृत्य,कलाकार,
स्वयं सिद्धा आदर्श हो,
जग में महान हो।

लक्ष्मी सरस्वती रूप,
देवी पूजित स्वरूप,
सत्कर्म खुशबू बिन ,
सुकृति बेजान हो।

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-प्रभा जैन इंदौर

बिटिया तो अनमोल

कहते हैं बेटा भाग्य से होता है
परन्तु,बिटिया सौभाग्य से जन्म लेती है
बिटिया तो घर की जान होती है
बिना बिटिया के घर सुनसान रहता है ।

बिटिया ही घर की रौनक होती है
बिटिया का होना ईश्वर का वरदान है
बिटिया होती दो कुलों की शान है
बिटिया से घर का चमन गुलजार है ।

बिटिया तो परिवार का अनमोल रत्न है
जिससे घर व परिवार जगमगाता रहता है
बिटिया घर में खुशियों का खजाना है
बिटिया से घर में रहती बहारें हैं ।

बिटिया तो परिवार की होती मुस्कान है
जिसके बिना घर की देहरी कुंवारी है
बिटिया का होता आज भी कन्यादान है
माता-पिता जिगर का टुकड़ा सौंप देते हैं।

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नीतिअग्निहोत्री,इंदौर (म.प्र.

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