Spurious Liquor Case : छपरा में जहरीली शराब से 53 की मौत, 126 को पकड़ा!

मामले की जांच के लिए SIT का गठन, थाना प्रभारी और चौकीदार सस्पेंड

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Spurious Liquor Case : छपरा में जहरीली शराब से 53 की मौत, 126 को पकड़ा!

Chapra (Bihar) : छपरा में जहरीली शराब से तीन दिनों में मरने वालों की संख्या 53 तक पहुंच गया। मामले में जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। अभी तक 126 लोगों को इस मामले में पकड़ा गया। चार हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब भी जब्त की गई। कुछ अधिकारियों पर भी एक्शन हुआ है जिनमें मशरक पुलिस थाने के प्रभारी और स्थानीय चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इस शराब कांड का पटना से लेकर दिल्ली तक हंगामा है। बीजेपी नेताओं की एक टीम ने छपरा का दौरा किया और पीड़ित परिजनों से बात की। इस बीच सरकार और प्रशासन ने कार्रवाई तेज की है।

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छपरा में पिछले तीन दिनों से जहरीली शराब से मरने का वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कई लोग अभी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छपरा शराब कांड पर ऐसा बयान दिया जिस पर सियासत गरमा गई है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि जो शराब पियेगा वो मरेगा ही। उनके इस कमेंट पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मुख्यमंत्री को घेरा है। इस मुद्दे को बिहार विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा में भी उठाया गया।

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छपरा पर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन, पूरे मामले पर छपरा के स्थानीय लोग अब सरकार से सवाल कर रहे। उनका कहना है कि हमारी क्या गलती थी, बिहार में अगर अवैध शराब का कारोबार नहीं होता तो शराब बिकती नहीं? नीतीश कुमार का कहना है कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की गई। लेकिन इसुआपुर, अमनौर, मसरख और मढ़ौरा के कई गांवों की उन्हीं महिलाओं के आंखों के आंसू आज नहीं सूख रहे, जिन्होंने अपनों को खोया है। जहरीली शराब से अपनों को खोने का दर्द क्या होता है, ये इन महिलाओं के आंसू से समझा जा सकता है।

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छपरा शराब कांड को लेकर एक्शन तेज है। मढ़ौरा के SDPO के ट्रांसफर की सिफारिश उच्च अधिकारियों से की गई है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। छपरा के जिलाधिकारी ने बताया कि त्वरित जांच के लिए, एक अतिरिक्त एसपी की अध्यक्षता में 31 पुलिस अधिकारियों और तीन डिप्टी एसपी वाली एक एसआईटी भी गठित की गई है। जिलाधिकारी और एसपी ने लोगों से अपील की कि वे बिना किसी प्रतिशोध के डर के किसी भी प्रासंगिक जानकारी के साथ आगे आएं।

सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने 6 साल से अधिक समय से लागू कड़े शराबबंदी कानून को ‘बेतुका’ करार दिया। सत्येंद्र यादव की पार्टी सीपीएम ‘महागठबंधन’ सरकार का बाहर से समर्थन करती है। यादव का मांझी विधानसभा क्षेत्र सारण के उन इलाकों के करीब है, जहां जहरीली शराब कांड हुआ था। यह सही समय है जब लोग इसे समझें। अप्रैल, 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।