Stampede Due to Crowd Mistake : तिरुपति मंदिर में भगदड़ भीड़ की गलती से हुई, 6 की मौत!

वैकुंठ द्वार दर्शन की इच्छा से भीड़ खचाखच, गेट खुलते ही घुसने की कोशिश!

173

Stampede Due to Crowd Mistake : तिरुपति मंदिर में भगदड़ भीड़ की गलती से हुई, 6 की मौत!

Tirupati : तिरुपति मंदिर में बुधवार शाम भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में यह भगदड़ ऐसे समय हुई, जब यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है। तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में यह भगदड़ तब हुई जब बैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए सैकड़ों लोग टोकन पाने की कोशिश कर रहे थे। ये लोग बैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन की धक्का-मुक्की कर रहे थे। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू आज घायलों से मिलने के लिए गुरुवार को तिरुपति पहुंचेंगे।

IMG 20250109 WA0076

10 जनवरी से तिरुपति मंदिर में बैकुंठ द्वार दर्शनम शुरू हो रहा है। इसके लिए देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां आए हैं। तिरुपति मंदिर के खास बैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन सिस्टम है। टोकन लेने के बाद ही दर्शन के लिए अंदर जा सकते हैं। बैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए मंदिर परिसर में आठ जगहों पर टोकन बांटे जा रहे थे। टोकन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन थी। दर्शन के लिए टोकन मिल जाए, इसके लिए खूब धक्का मुक्की हो रही थी। जैसे ही गेट खुला भक्त अधीर हो गए। पहले टोकन पाने के लिए वे आगे बढ़े और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई। अचानक भगदड़ मची और देखते ही देखते लोग जमीन पर पड़े थे।

भगदड़ होने का क्या कारण 

बैकुंठ द्वार दर्शनम के टोकन के लिए भगदड़ एमचीएम स्कूल के काउंटर पर मची। जब भगदड़ शुरू हुई, तब जब टोकन बांटना शुरू भी नहीं हुए थे। खुद टीटीडी यानी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के चीफ बीआर नायडू के मुताबिक एक डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) ने गेट खोले और लोग आगे बढ़ने लगे। इससे भगदड़ मच गई। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई। एक शव की पहचान कर ली गई है, जो महिला का है। देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु 10 जनवरी से शुरू होने वाले 10 दिवसीय बैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए यहां आए हैं। बताया जा रहा कि टोकन के लिए 4 हजार लोग पहुंचे थे। यह कार्यक्रम 19-20 जनवरी तक चलेगा।

लोग काउंटर तक आने के लिए धक्का-मुक्की करते दिखे 

सोशल मीडिया पर इस घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं। इन वीडियो में पुलिसवालों को भीड़ को कंट्रोल करते हुए देखा गया। इस तनावपूर्ण माहौल में लोग एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए भी दिखाई दिए। क्योंकि, बैकुंठ द्वार का दर्शन 10 जनवरी से होना था, इसलिए टोकन 9 जनवरी से बांटे जाने थे। इसके लिए कतार 8 जनवरी से ही लगी थी। 9 जनवरी (गुरुवार) की सुबह टोकन के लिए काउंटर खुलने थे, मगर उससे पहले ही बुधवार की रात को भगदड़ मच गई।