State Cooperative Election Authority: Retired ACS की ताजपोशी की तैयारी

सचिव स्तर के कई रिटायर्ड अधिकारियों में बैचेनी

1947
Katni Mayor

सुरेश तिवारी की ख़ास खबर

kiyawat and mk agarwal

naresh pal and rajneesh shrivastava

यह खबर कवींद्र कियावत, एम के अग्रवाल, रजनीश श्रीवास्तव,नरेश पाल और सचिव स्तर के ऐसे ही अन्य अधिकारियों को निराश और बैचेन कर सकती है, जो कुछ माह पहले रिटायर हुए हैं या रिटायर होने की कगार पर हैं।

असल में ये अफसर जिस पद को हथियाने का प्रयास कर रहे हैं, सरकार अब उस पद की रैंक यानी योग्यता ही बढ़ाने जा रही है।

जाहिर है जब ये अधिकारी उस रैंक और योग्यता में नहीं होंगे तो उन पर विचार होने का सवाल ही नहीं होगा।

हम यहां बात कर रहे हैं State Cooperative Election Authority की।

दरअसल एक सहकारिता संस्था के चुनाव करवाने की याचिका में बताया गया कि गत 4 माह से सहकारिता निर्वाचन प्राधिकारी का पद रिक्त है। इसलिए रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि सहकारी संस्थाओं के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने इसी बात को लेकर आदेशित किया कि सरकार 27 जनवरी के पहले इस पद पर नियुक्ति प्रदान करें अन्यथा हाई कोर्ट स्वयं इसकी नियुक्ति कर देगी। इसके लिए हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल को 3 नाम का सुझाव देने के निर्देश भी दिए हैं।

WhatsApp Image 2022 01 22 at 4.49.42 AM

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार हरकत में आई है और 27 जनवरी के पहले इस पद पर किसी अधिकारी को नियुक्त करने के मूड में हैं। लेकिन इसी बीच यह सोच विचार हुआ कि इस पद की वर्तमान रैंक बढ़ा दी जाए।

वर्तमान में इस पद के लिए सचिव स्तर के रिटायर्ड अधिकारियों को नियुक्ति प्रदान किए जाने का प्रावधान है। पूर्व में इस पद पर प्रभात पाराशर, मनीष श्रीवास्तव जैसे सचिव स्तर के रिटायर्ड अधिकारी रहे हैं।

Prabhat Parashar and Manish Shrivastava

सरकार अब शायद यह प्रावधान कर रही है कि इस पद का रैंक अपर मुख्य सचिव स्तर का, कर दिया जाए।

सरकार की इस सोच के पीछे शायद यह कारण हो सकता है कि वह किसी ACS स्तर के पसंदीदा अधिकारी को इस पद पर बिठानी चाहती हो।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार इस प्रस्ताव से संबंधित फाइल भी तैयार हो गई है और पता चला है कि यह फाइल मुख्यमंत्री की टेबल पर अंतिम निर्णय के लिए रखी है।

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री इस पर क्या निर्णय लेते हैं?

और क्या सरकार 27 जनवरी से पहले इस पद पर किसी योग्य अधिकारी को पदस्थ कर देगी या हाई कोर्ट में तीन अधिकारियों का पैनल प्रस्तुत करेगी?