

State President of BJP : जुलाई के पहले सप्ताह में MP भाजपा को मिल जाएगा अध्यक्ष!
Bhopal : भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले हो सकता है। अगले हफ्ते से इस दिशा में कवायद तेज हो जाएगी। मप्र सहित लगभग 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मप्र भाजपा को जुलाई के पहले हफ्ते में अध्यक्ष मिल जाएगा। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर बीते पांच महीनों से सस्पेंस बना हुआ है।
पार्टी कार्यकर्ता और संगठन से जुड़े पदाधिकारी जानना चाहते हैं कि आखिर यह चुनाव कब होगा। हालांकि, अब संकेत मिल रहे हैं कि अब जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है। दरअसल, जनवरी में पार्टी ने प्रदेश के सभी 60 संगठनात्मक जिलों में जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी। बूथ, मंडल और जिला स्तर के चुनाव पूरे हो चुके हैं। पहले दावा किया गया था कि फरवरी में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा, लेकिन अलग अलग कारणों से इसे लगातार टाल दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव न हो पाने के पीछे राष्ट्रीय स्तर की कुछ बड़ी वजहें सामने आई हैं। इस दौरान दिल्ली विधानसभा चुनाव और फिर पहलगाम में हुए आतंकी हमले की वजह से पार्टी का पूरा ध्यान अन्य मुद्दों पर केंद्रित हो गया। साथ ही, राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर संगठनात्मक प्रक्रिया भी लंबी खिंच गई, जिससे प्रदेशों के चुनाव टलते गए।
16 जून के बाद मिल सकते हैं स्पष्ट संकेत
अब पार्टी सूत्रों के अनुसार, 14 से 16 जून तक पचमढ़ी में भाजपा के विधायकों और सांसदों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी तय है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिविर के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित कर दी जाएगी। इस संबंध में राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ के लक्ष्मण ने हाल ही में बयान दिया कि चुनाव की तिथि तय नहीं है, लेकिन कहा कि सब कुछ तय समय पर होगा।
मप्र भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा इसे लेकर कई नेताओं के नामों की चर्चाएं और कयास लंबे समय से लगाए जा रहे हैं। वर्तमान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं और इसका कारण उनके कार्यकाल में मध्यप्रदेश में भाजपा की अपार सफलता है। इसके साथ ही बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हेमंत खंडेलवाल, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, मंडला लोकसभा सीट से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, अनुसूचित जाति के होने के कारण लाल सिंह आर्य के नाम चर्चाओं में बने हुए हैं।