Stir in Cabinet Reshuffle : प्रदेश में मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ के बाहर होने के आसार!

प्रदेश अध्यक्ष का मसला हल होने के बाद नए चेहरों के साथ पूर्व मंत्रियों को जगह मिल सकती है!

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Stir in Cabinet Reshuffle : प्रदेश में मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ के बाहर होने के आसार!

 

Bhopal : मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई। भाजपा संगठन के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि परफॉर्मेंस के आधार पर डॉ मोहन सरकार से कुछ मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे। मंत्रिमंडल में इस वक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समेत 31 मंत्री हैं। इस तरह मंत्रिमंडल में मंत्रियों के चार पद रिक्त हैं। संगठन की कोशिश है कि कुछ पुराने और नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। संभवतः प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का फैसला होने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट हर महीने तैयार की जा रही है। सत्ता और संगठन की कोशिश है, कि जिन मंत्रियों की रिपोर्ट लगातार खराब है उनकी जगह मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाए। उधर, मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट की खबर लगते ही दावेदारों ने सक्रियता बढ़ा दी।

प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज

बताया गया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जब भी दिल्ली दौरे पर जाते है, मप्र में सियासी सरगर्मियां तेज हो जाती हैं। दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। परफारमेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है। इससे मंत्रियों के दिलों की धडकनें तेज हैं। साथ ही राज्य में चार-पांच विधायकों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा भी चल रही है। संभावित दावेदार मंत्री बनने के लिए दिल्ली से भोपाल तक की परिक्रमा में जुटे हुए हैं।

प्रदेश में मोहन यादव सरकार को डेढ़ वर्ष पूरा होने जा रहा है। लेकिन, अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई। उधर, मंत्रिमंडल विस्तार का भी नेताओं को इंतजार है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, हरिशंकर खटीक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह का नंबर आने की संभावना दिख रही है। लेकिन, फिलहाल प्राथमिकता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति है, इसलिए यह काम इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले हो सकता है।

पूर्व मंत्रियों को फिर मौका मिलने के आसार

भाजपा सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। उनके अलावा कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह भी प्रतीक्षारत हैं। रामनिवास रावत के मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देने के बाद मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।

उधर, राजनीतिक नियुक्तियां भी अब किए जाने की तैयारी हों रही है। इसे लेकर संगठन स्तर पर कई बार चर्चा भी हो चुकी। इसमें भी कुछ पूर्व विधायकों को समायोजित किया जाएगा। अभी इनके पास कोई काम नहीं है।