डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के राजनीति में आने की खबर से सियासी गलियारों में हलचल
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: इन दिनों छतरपुर जिला राजनीतिक हलकों में छाया हुआ है। जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अग्रवाल के राजनीति में आने की खबर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। तो वहीं उन्होंने बोला है कि यह तो आने वाला समय ही बतायेगा और कहा कि अगर बेहतर अवसर मिला तो इस बारे में जरूर सोचूंगी। फिलहाल अभी मैं प्रशासनिक दायित्व में हूँ। फिर भी उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सभी पार्टियां अपने अपने लेबिल पर सर्वे कर रहीं हैं और जो भी मेरे सिद्धांतों के साथ और स्वतंत्रता मिलेगी तो मैं जारूं विचार करूंगी अभी सिर्फ नाम आया है। मैनें अभी अपना स्टेटमेंट नहीं दिया है कि मैं अभी नोकरी छोड़ूंगी, समय आने पर देखा जायेगा फिलहाल स्तीफा देने वाली अभी बात नहीं है।
● *यह है पूरा मामला..*
दरअसल खबर ये है कि वो मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, हालांकि किस पार्टी से वो चुनावी सफर की शुरुआत करेंगी ये तो अभी तय नही है, लेकिन आगामी चुनाव में उनकी भागीदारी होगी इस बात से इंकार नही किया जा सकता।
दरअसल डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अग्रवाल वर्तमान में छतरपुर जिले के लवकुशनगर की एसडीएम है, और अपनी सरल,सहज कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने बताया कि बतौर डिप्टी कलेक्टर उनकी पहली पोस्टिंग बैतूल जिले में हुई थी और वहां लगभग साडे 3 साल का कार्यकाल उन्होंने गुजारा और इस दरमियान आमला में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी, वहां की जनता उन्हें बेहद स्नेह करती है, और उन्होंने अपने कार्यकाल में सामाजिक न्याय और समाज के अंतिम छोर तक के व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने व न्याय दिलाने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी, और यही वो वजह है कि मीडिया व अन्य सर्वे में आमला की जनता को उनमे अपने जनप्रतिनिधि का चेहरा नजर आ रहा है, हालांकि प्रशासनिक पद पर रहते हुए निशा बांगरे अग्रवाल स्पष्ट रूप से यह नहीं कह पा रही कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन उन्होंने इशारों इशारों में यह जरूर कह डाला की वो चुनावी मैदान में उतारने का मन बना चुकी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासनिक अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि सभी माध्यम अपने स्तर पर श्रेष्ठ होता है बस काम ईमानदारी, सजगता से किया जाय, प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर मैंने अपने कर्तब्यों का निर्वहन किया है लेकिन अगर इससे अच्छा मुझे मौका मिलेगा तो मैं उसपर विचार करूंगी, क्योंकि हमें हमेशा प्रोग्रेसिव थॉट पर होना चाहिए।
बैतूल ने मुझे अलग तरह के अवसर दिए जनता की आवाज है, जनता से नाम निकल कर आया है, अगर मुझे उस लायक समझा जाएगा और इससे अच्छा कोई अवसर मिलेगा तो अपनी माटी के लिए मैं अपना तन-मन-धन और जीवन कुर्बान कर दूंगी।