

Stock Market Recovered Again : ‘बुल’ की तेज दौड़ ने शेयर मार्केट में निवेशकों का विश्वास लौटाया!
देखना है वैश्विक तनाव की मंदी से कितना बचा रहेगा भारतीय बाजार!
विक्रम सेन की शेयर बाजार रिपोर्ट
Mumbai : शेयर बाजार में लगातार 10 दिनों की बिकवाली के बाद बाजार को आज फिर पंख लगे। भारतीय शेयर बाजार में आज तेजी देखी गई। सेंसेक्स 740 अंक चढ़कर 73,729 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी 271 अंक चढ़कर 22,337 पर बंद हुआ। अडाणी पोर्ट्स टॉप गेनर रहा, जिसमें 5% की तेजी आई। इसके अलावा, टाटा स्टील, अदानी एंटरप्राइजेज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन में भी 5.15 प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई।
भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.23 रुपये पर कारोबार शुरू किया, जो पिछले सत्र में दर्ज 87.27 रुपये के बंद भाव से मामूली सुधार दर्शाता है। हालांकि, अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट और एशियाई बाजारों में उतार-चढ़ाव के कारण बाजार के कमजोर से सपाट नोट में खुलने की संभावना थी। लेकिन, निचले स्तरों पर खरीददारी के चलते बाजार आज हरे निशान में बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजार पिछले चार महीनों से गिरावट के दौर से गुजर रहा है, और इसके मजबूत होने की संभावनाओं को लेकर विश्लेषकों की राय अलग-अलग है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में सुधार हो सकता है, खासकर अगर वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितता कम होती है और कंपनियों के नतीजों में सुधार होता है। वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक मंदी से भारत के बचने की संभावनाओं को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, भारत की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह कहना मुश्किल है कि वह पूरी तरह से बच पाएगा या नहीं।
आज शेयर बाजार में तेजी का बड़ा कारण अमेरिकी टैरिफ शुल्क से कई देशों के व्यापार को प्रभावित होना भी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जब अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर हाई टैरिफ लगाया था, तो भारत चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी था। ट्रंप प्रशासन मेक्सिको और कनाडा पर 25% शुल्क लगा रहा है और यह मंगलवार (4 मार्च) से लागू हो गया। अमेरिका ने चीन से सभी आयात पर शुल्क को दोगुना करके 20% कर दिया।
इस आदेश के लागू होने से कृषि, इंजीनियरिंग, मशीन उपकरण, परिधान, कपड़ा, रसायन और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों को मदद मिल सकती है। नए टैरिफ शुल्क से चीन, मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में उनके उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे वे कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर हाल के वर्षों में काफी अच्छी रही है, लेकिन वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभाव से वह पूरी तरह से अछूता नहीं हो सकता। भारत के पास एक मजबूत घरेलू बाजार है, जो उसे वैश्विक आर्थिक मंदी से कुछ हद तक बचा सकता है। इसके अलावा, भारत सरकार ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि आर्थिक पैकेज की घोषणा और वित्तीय सुधारों को लागू करना। ये कदम भारत को आर्थिक मंदी से बचाने में मदद कर सकते हैं।
यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत को अपनी आर्थिक नीतियों को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभावों से बच पाए। इसके लिए, भारत को अपने निर्यात को बढ़ावा देने, अपने घरेलू बाजार को मजबूत बनाने, और अपनी आर्थिक वृद्धि को स्थिर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस प्रकार, जबकि भारत को आर्थिक मंदी से बचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उसके पास मजबूत घरेलू बाजार और सकारात्मक आर्थिक नीतियों के साथ, वह इस चुनौती का सामना करने में सक्षम हो सकता है।
इस बीच, कुछ ब्रोकरेज हाउसों ने कुछ शेयरों पर खरीदारी की सलाह दी है, जिनमें HDFC AMC, अदानी फूड विल्मर, Adani ग्रीन एनर्जी और अदानी एनर्जी सॉल्यूशन, जेएसडब्ल्यू स्टील, Varun Beverages और Zydus Lifesciences शामिल हैं। इन शेयरों में मजबूत ग्रोथ संभव है, और वे निवेशकों के लिए अच्छे विकल्प हो भी सकते हैं।