आधी रात से खाद के लिए लगे लाइन में,दूसरे दिन दोपहर में मिली 2 बोरी

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आधी रात से खाद के लिए लगे लाइन में,दूसरे दिन दोपहर में मिली 2 बोरी

कमलेश नाहर की रिपोर्ट

राणापुर:खाद के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत करना पड़ रही हैं।आधी रात से लाइन में लगे हुए किसानों को आधे दिन के बाद खाद वितरण किया जा सका।वो भी एक या 2 बोरी।मार्केटिंग संस्था में खाद की 600 बोरी आई हैं। खबर फैलते ही आदिवासी महिला पुरुषों की संस्था के बायपास रोड़ स्थित दुकान पर भीड़ लग गई। इनमें से कई तो आधी रात से ही यहाँ आने लग गए थे। सुबह जब संस्था के कर्मचारी दुकान खोलने पहुंचे तो भारी भीड़ के चलते वे बहुत देर तक ताले ही नही खोल पाए।दुकान की शटर तक पहुंचने में उनको पसीना आ गया।उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से कतार बनाने को कहा तो कोई सुनने को तैयार नही हुआ।कर्मचारियों की सब मशक्कत कामयाब नही हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना कर दी। मौके पर पुलिस भी पहुंची लेकिन भारी भीड़ के आगे उसकी एक न चली। तहसीलदार एचएस निगवाल व कृषि विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।भीड़ को समझाने के उनके प्रयास भी सफल नही हुए।

*फिर ऐसे हुआ वितरण* 

कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को ब्लॉक कालोनी स्थित कृषि विभाग के कार्यालय लेकर गए।यहां किसानों की खाता खसरा व आधार कार्ड के आधार पर एक या दो बोरी के लिए टोकन बनाकर दिए गए।इसके बाद करीब 1 बजे से खाद वितरण शुरू हो सका।बताया गया कि अब तक विकासखंड में करीब 25 मेट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है।कृषि विभाग ने करीब 50 टन खाद की डिमांड भेज रखी है।

 *नगर में लाइसेंसी निजी दुकानों पर नही मिल रहा खाद* 

नगर के लाइसेंसी खाद विक्रेता खाद विक्रय नही कर रहे हैं।बताया जाता कि बार बार होने वाली नेतागिरी व संगठनों के भय से दुकानदार खाद व्यापार से दूरी बनाकर चल रहे।उधर कन्जावानी,समोई ,टांडी ,कुंदनपुर सहित अनेक जगहों पर व्यापारी अपने वाहनों में लाकर खाद बेच रहे हैं ऐसी जानकारी सूत्रों से मिल रही हैं।ये व्यापारी एक बोरी के 600 रुपये तक ले रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही खाद की कालाबाजारी की और न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है न ही कोई संगठन इसमें विरोध में आवाज उठा रहा है।

खाद वितरण में परेशानी आ रही थी।किसानों की भीड़ बहुत ज्यादा थी उसे मैनेज करने में परेशानी आई।बाद में टोकन व्यवस्था लागू कर वितरण करवाया गया।50 मेट्रिक टन खाद के लिए डिमांड भेजी गई है-ए एस खपेड़

सहायक कृषि विस्तार अधिकारी राणापुर

: *एक नजर*

1)भारत सरकार का उर्वरक सब्सिडी पर कुल बजट 1 वर्ष का *16000 करोड़* 

यह सब्सिडी देश की कुल सब्सिडी के बजट का लगभग 40%

2)देश मे कुल कृषि योग्य भूमि *39000* एकड़

3)यूरिया की एक बोरी की कीमत 1635/- रुपये जिसका निर्धारित मूल्य 266/- है एवं 1369/-भारत सरकार की सब्सिडी।

4) आंकड़ो के मान से 4 बोरी उर्वरक प्रति एकड़ का वितरण