
Stop Corruption with Demonetisation : ‘नोटबदली से नोटबंदी’ पुस्तक के लोकार्पण में हरिवंश ने कहा ‘नोटबंदी ने आर्थिक भ्रष्टाचार को रोकने का काम किया!’
New Delhi : राज्यसभा के उप सभापति एवं प्रख्यात पत्रकार हरिवंश ने कहा कि मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी करके देश को बर्वादी के गर्त में गिरने से बचाया। साथ ही आर्थिक भ्रष्टाचार को रोकने का काम किया। हरिवंश मुंबई के वाणिज्यिक पत्रकार राजेश झा की पुस्तक ‘नोटबदली से नोटबंदी : भारत के आर्थिक महाशक्ति बनाने की संकल्प यात्रा एवं उपलब्धियां’ का लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
पत्रकार राजेश झा की पुस्तक का लोकार्पण हरिवंश, न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव, लेफ्टिनेंट जनरल एएस रावत, शिक्षाशास्त्री प्रो जेएस राजपूत और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथी रहे आर माधवन पिल्लई के हाथों प्रधानमंत्री संग्रहालय सह पुस्तकालय के नई दिल्ली स्थित सभागृह में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर आजाद हिंद फ़ौज के लेफ्टिनेंट 102 वर्षीय आर माधवन पिल्लई ने कहा कि राजेश झा ने पत्रकारिता से आगे बढ़कर देश के आर्थिक इतिहासकार की भूमिका निभायी है। पुस्तक की विषय वस्तु को प्रस्तुत करते हुए राजेश झा ने कहा कि नोटबंदी पर उन्हौने श्रुंखलाबद्ध तीन पुस्तकें लिख रहे हैं। ‘नोटबदली से नोटबंदी : भारत के आर्थिक महाशक्ति बनाने की संकल्प यात्रा एवं उपलब्धियां’ उनकी पहली पुस्तक है। सितम्बर में दूसरी पुस्तक ‘नोटबंदी और कूटनीतिक विश्व’ और जनवरी 2026 में उनकी तीसरी पुस्तक ‘नोटबंदी से अखंड भारत की रचना’ पाठकों को उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय की स्थापना में नोटबंदी की भूमिका पर प्रकाश डाला, तो लेफ्टिनेंट जनरल एएस रावत ने ‘नोटबदली से नोटबंदी : भारत के आर्थिक महाशक्ति बनाने की संकल्प यात्रा एवं उपलब्धियां’ पुस्तक में रक्षा, उद्योग, व्यापार वाणिज्य तथा जनजीवन पर नोटबंदी के प्रभावों का तथ्यों और आंकड़ों के साथ उल्लेख करने को महत्वपूर्ण कदम बताया।
शिक्षा शास्त्री और एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक डॉ प्रोफ़ेसर जेएस राजपूत ने देशहित में तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों की श्रुंखला लिखने के लिए पत्रकार राजेश झा को बधाई दी। लोकार्पण समारोह के अध्यक्ष डॉ अश्विनी महाजन ने नोटबंदी को आवश्यक कदम बताते हुए कहा कि पिछले पंद्रह वर्षों में यह पहला अवसर है कि प्रधानमंत्री सभागृह में आर्थिक विषय पर गंभीर चर्चा में 300 से अधिक लोग उपस्थित हैं। वे या तो प्रोफ़ेसर हैं या प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग या विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत वित्त विशेषज्ञ हैं। यही इस आयोजन की खास बात है।





