Stop Order : डॉक्टर्स के जेनेरिक दवाएं लिखने के आदेश पर रोक लगाई!
New Delhi : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने उन नियमों पर रोक लगा दी, जिसके तहत डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य बना दिया गया था। इसके अलावा डॉक्टरों पर फार्मा कंपनियों से उपहार स्वीकार करने या किसी दवा ब्रांड का प्रचार करने से रोक लगा दी गई थी। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (पेशेवर आचरण) नियम 2023 गत 2 अगस्त को जारी किया गया था।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA) ने एनएमसी द्वारा जेनेरिक दवाओं को लिखना अनिवार्य बनाने पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि इन दवाओं की गुणवत्ता के बारे में अनिश्चितता के कारण यह संभव नहीं है। उन्होंने यह सुझाव भी दिया था कि रजिस्ट्रेशन कराए हुए डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों या स्वास्थ्य क्षेत्र के सहयोगी संगठनों द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।
पुनर्विचार की मांग की गई थी
आईएमए और आईपीए ने कहा कि डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों में भाग लेने से रोकने वाले नियम पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी मांग की कि संगठनों को एनएमसी दिशा-निर्देशों के दायरे से छूट दी जानी चाहिए। आईएमए और आईपीए के प्रतिनिधियों ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिलकर इन नियमों पर अपनी चिंता जताई थी।
एनएमसी ने जारी एक अधिसूचना में कहा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (व्यावसायिक आचरण) नियम, 2023 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अगली अधिसूचना जारी होने तक यह नियम प्रभावी नहीं होगा।