
Story of Spy Madhuri Gupta : डेढ़ दशक पहले इस भारतीय महिला डिप्लोमैट को जासूसी के शक में पकड़ा था, जो पाक खुफिया अफसर से मोहब्बत कर बैठी!
New Delhi : पाकिस्तान की जासूस यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी नई बात नहीं है। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी है। 2010 में घटी एक घटना भी ऐसी ही थी। इसमें एक भारतीय महिला अफसर पाकिस्तान के खुफिया अफसर से इश्क कर बैठी थी। वो भी इतना गहरा इश्क कि उससे शादी करने और इस्लाम कबूल करने को भी तैयार थी। इसका अंत बेहद खराब हुआ।
हाल ही में यूट्यूब चैनल चलाने वाली मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ज्योति मल्होत्रा के बाद कई और लोगों को भी इसी से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया। यह पहली बार नहीं है, ज्योति की गिरफ्तारी ने 2010 की एक और घटना को याद दिलाई, जिसमें एक भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।
माधुरी गुप्ता इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय दूतावास में प्रेस और सूचना की सेकेंट सेक्रेटरी थी। उन्हें एक ‘हनीट्रैप’ का शिकार बनाया गया था, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी जमशेद (कोड नाम जिम) ने उन्हें प्रेम के झूठे वादों से फंसाया और उनसे देश की गोपनीय जानकारी हासिल की। माधुरी गुप्ता उस समय 52 वर्ष की थी, जबकि जमशेद की उम्र गुप्ता से की उम्र से आधी थी। फिर भी दोनों के बीच गहरे रिश्ते पन गए थे।

सरकार से नाराजी भी एक कारण
दोनों के रिश्तों के गहराई का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह इस्लाम कबूल करने और जमशेद से शादी कर तुर्की के इस्तांबुल जाने की योजना तक बना ली थी। गिरफ्तारी के बाद जांच में पता चला कि माधुरी को पाकिस्तानी एजेंट्स मुदस्सर रजा राणा और जमशेद ने एक महिला पत्रकार की मदद से राब्ता किया था। गुप्ता ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह सरकार से नाराज थी। क्योंकि, उनकी दो साल की छुट्टी मंजूर नहीं हुई थी और सैलरी भी रोकी गई थी।
माधुरी को ऐसे गिरफ्तार किया गया
सबसे पहले दूतावास के कुछ अधिकारियों को माधुरी गुप्ता की कुछ संदिग्ध गतिविधियों पर शक हुआ। फिर उन्हें ‘सार्क सम्मेलन’ की तैयारियों के नाम पर दिल्ली बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। 2018 में अदालत ने माधुरी को दोषी ठहराया। अदालत ने कहा कि उन्होंने जो जानकारी साझा की, वह दुश्मन देश के लिए बहुत उपयोगी हो सकती थी और देश की विदेश नीति के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण थी। सजा के बाद गुप्ता राजस्थान के भिवाड़ी में अकेली रहने लगीं और 2021 में 64 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।





