Ujjain : महापौर मुकेश टटवाल का महाकाल मंदिर के एक वायरल फोटो के कारण विवाद हो गया। इस फोटो में वे महाकाल मंदिर में महाकाल शिवलिंग के साथ अजीब सी मुद्रा में बैठे नजर आ रहे हैं। उनका ये फोटो धार्मिक मानदंडों के विपरीत है। कांग्रेस ने इस फोटो को लेकर आपत्ति जताई और कहा है कि यह तो आस्था के प्रति अशोभनीय व्यवहार है। महापौर ने स पर सफाई भी दी है। जबकि, दो दिन पहले बीजेपी समर्थित हिंदूवादी नेताओं ने दो बड़े फ़िल्मी कलाकारों को उनके 10 साल पुराने बयान पर मंदिर में दर्शन करने नहीं जाने दिया था! बाद में गृह मंत्री ने उल्टा इन कलाकारों को ही दोषी ठहराया था।
मुश्किल से महापौर का चुनाव जीते बीजेपी के मुकेश टटवाल के सोशल मीडिया पर वायरल इस फोटो की निंदा की जा रही है। फोटो में महापौर महाकाल के मंदिर में मौजूद हैं और टिके हुए एक अजीब सा पोज बनाए दिखाई दे रहे हैं। धार्मिक स्थानों पर इस तरह की मुद्रा में सामान्य तौर पर कोई नजर नहीं आता। जबकि, महाकाल मंदिर के प्रति जो आस्था है, उसके भी अपने धार्मिक कायदे हैं।
महाकाल को राजाधिराज कहा जाता है और वहां दर्शनकड़े के नियम कायदे हैं। महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है और इस कारण राजा माना जाने वाला कोई भी व्यक्ति यहां रात नहीं गुजारता। हैरत की बात यह है कि महापौर के पीछे बैठे पुजारियों ने भी उनके इस अंदाज पर आपत्ति नहीं ली। उन्हें इस तरह से फोटो खिंचवाने से मना भी नहीं किया। महाकाल मंदिर में किसी भी तरह से फोटो खींचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, तो महापौर को किसी ने रोका क्यों नहीं।
कांग्रेस की आपत्ति
कांग्रेस ने महापौर के इस तरह से फोटो खिंचाने पर आपत्ति उठाई है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट किया ‘फर्जी तरीके से चुनाव जीते। अब आस्था के प्रति भी फर्जीवाड़ा और अशोभनीय व्यवहार उजागर। क्या है धर्म के ठेकेदारों का वास्तविक चरित्र! बाबा महाकालेश्वर के समक्ष आदर की बजाय आराम की मुद्रा में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल। हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदारों ,बताइए राजाधिराज हैं!’ उज्जैन महाकाल समिति के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं और इस मामले में कलेक्टर क्या कार्रवाई करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी। क्योंकि, यह सीधे-सीधे भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है और फोटो खींचने पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बाद फोटो किसने खींची यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
महापौर की सफाई
इस मामले में महापौर ने मामले में कहा है कि फोटो शुक्रवार दोपहर का है। पंडित रमन त्रिवेदी के अनुरोध पर मैंने फोटो क्लिक कराया था। मैं महाकाल का भक्त हूं। मुझे क्या उनकी गोद में बैठने का अधिकार नहीं। उनके चरणों में आनंद से बैठ गया तो क्या बुरा हुआ। मैं मुकेश ‘टटवाल’ हूं, शायद विरोधियों को अखर रहा है। अगर विरोधियों को लगता है कि मुकेश टटवाल को गर्भ गृह में नहीं बैठना चाहिए तो मैं क्षमा चाहता हूं।
दो दिन पहले कलाकारों को रोका
फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ की सफलता की कामना लेकर दो दिन पहले उज्जैन पहुंचे अभिनेता रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने दस साल पुराने बीफ खाने वाले एक बयान पर महाकाल के दर्शन करने से रोक दिया था। ऐसे में दोनों बिना दर्शन के ही लौट गए। फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने महाकाल के दर्शन किए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के महाकाल मंदिर के बाहर जमा हो जाने की वजह से रणबीर कपूर और आलिया भट्ट दर्शन नहीं कर पाए। इस मामले पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दूसरे दिन हिंदूवादी हुड़दंगियों का समर्थन करते हुए कहा कि फिल्म कलाकारों को बोलने में संयम बरतना चाहिए।
फ़र्ज़ी तरीक़े से चुनाव जीते..अब आस्था के प्रति भी फ़र्ज़ीवाड़ा और अशोभनीय व्यवहार उजागर..यह है धर्म के ठेकेदारों का वास्तविक चरित्र…बाबा महाकालेश्वर के समक्ष आदर की बजाय आराम की मुद्रा में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल!!
हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदारों, बताइए राजाधिराज हैं?? pic.twitter.com/3aZL5jia0H
— KK Mishra (@KKMishraINC) September 10, 2022
उज्जैन पहुंचने के बाद फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री आलिया भट्ट ने महाकाल मंदिर पहुंचने के लिए खूब प्रयास किए, मगर वे सफल नहीं हुए। बताया जाता है कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने भी महाकाल मंदिर पहुंचकर सुरक्षा इंतजामों की मॉनिटरिंग की, लेकिन पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद उन्होंने भी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को मंदिर नहीं जाने की सलाह दी। इसके बाद वे उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना हो गए।