Strange Suicide : 30 साल तक ही जीने का फैसला, इसलिए आत्महत्या कर ली!
इंदौर। होटल व्यवसायी आदित्य शर्मा ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। एमआर-10 पर पार्टनरशिप में आदित्य का होटल है। उसने अपने सात पन्ने का सुसाइड नोट में किसी को जिम्मेदार नहीं बताया। ये सुसाइड नोट कमरे के दरवाजे, टीवी और वार्डरोब पर चिपके मिले। एक पन्ने पर लिखा कि सबसे पहले राजू भैया (कांग्रेस पार्षद) को फोन लगाना। दोपहर ढाई बजे आदित्य ने वाट्सएप पर स्टेटस लगाया था। आत्महत्या के पूर्व मोबाइल और वाईफाई का पासवर्ड भी लिखा था। सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि मैंने 30 साल तक ही जीने का फैसला किया था। क्योंकि, मैं मां को मरते नहीं देख सकता!
टीआई पप्पूलाल शर्मा के मुताबिक, 30 साल के आदित्य शर्मा का शव कमरे में पलंग के पास पड़ा मिला। रूम में पिस्टल भी मिली जो अवैध हैं, जिससे आदित्य ने खुद को गोली मारी। ये गोली कनपटी पर दाईं तरफ मारी गई है। आदित्य ने सुसाइड नोट के जो पन्ने चिपकाए हैं, उन पर लिखा सारे गेट मैं स्वयं खोलकर सोया था, नीली थैली में कुछ उपहार है जो मैं गोआ से लेकर आया था, एक मंकू और एक सन्नी के घर का है। बाकी दोस्तों के नाम है।
सबसे पहले राजू भैया को फोन लगाओ या मंकू को लगाओ। अगर मेरी आत्मा की शांति चाहते हो तो मम्मी, विन्नू (भाई) तुम मेरे दोस्तों को मेरी मौत का जिम्मेदार मत समझना। मंकू, संजू तुम भी मेरे घरवालों के लिए ऐसा मत सोचना। सब लोग प्रेम से रहना। टीआई के मुताबिक, आदित्य कांग्रेस पार्षद के साथ ही रहता था।
मां से पहले मरना ठान लिया था
श्रीमान थाना प्रभारी से यह मेरी महत्वपूर्ण डिमांड है। मेरी बड़े भाई से कभी नहीं बनी। मेरी मम्मी को बताना मेरे दोस्त खराब नहीं हैं। मैं उनको रात-रात भर घुमाता था, वो नहीं घुमाते थे। यह हथियार मेरे पास 2016 से है। जिससे खरीदा वह इस दुनिया में नहीं रहा। मैंने बहुत पहले ही यह ठान लिया था कि मैं मां से पहले मर जाऊंगा। मां के लिए क्या लिखूं … मां ने मुझे लिखा है। मेरा मोबाइल आकाश यादव या आशीष जोशी को दे देना। मां मुझे माफ कर दें। इस जन्म में तेरा हो न पाया। मैं सिद्धू मूसावाला का बड़ा फैन हूं।
तीन दिन तक लिखा सुसाइड नोट
मृतक ने लिखा, मैं आदित्य शर्मा पूरे होश में स्वयं के निजी हथियार से गोली मारकर जीवन समाप्त कर रहा हूं। मैंने आठ साल पूर्व ही सोच लिया था कि 30 साल तक ही जिंदा रहूंगा। स्वयं की इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं। किसी को परेशान न किया जाए। मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है। मेरा दोस्ती का शौक रहा है। राजू भदौरिया से मेरा लगाव है। मेरे मरने के बाद मेरे शव को अग्नि दोस्त ही देंगे।