Strict Action Against Mafia: राजस्व व खनिज विभाग के अमले पर हमले के आरोपियों के मकान पर चला बुलडोजर

नई सरकार ने भोपाल के बाद आज नर्मदापुरम जिले में चलाया बुलडोजर, अवैध उत्खनन करने वाले दबंग माफिया के आतंक के खिलाफ अब हुई कठोर कार्यवाही 

Strict Action Against Mafia: राजस्व व खनिज विभाग के अमले पर हमले के आरोपियों के मकान पर चला बुलडोजर

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खास रिपोर्ट

नर्मदापुरम। प्रदेश में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद भोपाल में भाजपा कार्यकर्ता का हाथ काटने वाले आरोपी के घर बुलडोजर चलने के बाद आज दूसरी बार अल सुबह 6 बजे ही नर्मदापुरम जिले में अवैध उत्खनन से जुड़े माफिया की चार अवैध दुकानों पर बुलडोजर चला है। काफी समय बाद अब आज जिले भर में बेकाबू हो चुके अवैध उत्खनन से जुड़े माफिया पर जिला प्रशासन की कठोर कार्यवाही हुई है। हालांकि चर्चा है कि कुछ बड़े माफिया अब भी खनिज विभाग की पकड़ से दूर ही हैं। माफिया का आतंक कितना जबरदस्त है इसका खुलासा गुरुवार को हुई घटना के एक दिन बाद कल शुक्रवार को हुआ था क्योंकि नायब तहसीलदार ग्रामीण ने हमले की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को तक नहीं दी थी। जिसके लिए उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बहरहाल आज शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं मारपीट के उक्त प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई।

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नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देशानुसार राजस्व एवं पुलिस विभाग के अमले ने आज शनिवार को अल सुबह 6 बजे आरोपी सोनू निमोदा एवं मयंक निमोदा के ग्राम मेहराघाट स्थित मकान के अवैध हिस्से को जेसीबी से ढहा दिया। आज ठंड की अल सुबह ग्रामीण तोड़फोड़ की आवाज सुनकर ही जागे। एसडीएम नर्मदापुरम आशीष पांडे के नेतृत्व में यह संपूर्ण कार्रवाई की गई। इस दौरान एसडीओपी इटारसी महेंद्र सिंह चौहान, तहसीलदार शक्ति सिंह तोमर सहित राजस्व एवं पुलिस विभाग का अमला उपस्थित रहा।

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एसडीएम श्री पांडे ने बताया कि आरोपी दोनों भाइयों के मकान में अवैध रूप से बनाई गई चार दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई की गई है। 3 दुकानें खाली थीं जबकि एक दुकान में सामान रखा था। उल्लेखनीय है कि कल ही शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने और निजी वाहन चालक से मारपीट के प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी और आज यह कठोर त्वरित कार्रवाई की गई है।

घटना के आरोपी सोनू निमोदा एवं मयंक निमोदा के विरुद्ध देहात थाना नर्मदापुरम द्वारा धारा 353, 186, 323 एवं 34 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में गांव के कुछ संभ्रांत लोगों की चर्चा से यह तथ्य भी सामने आया है कि मामले में और भी कुछ आरोपी शामिल हैं, लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण वे प्रारंभ से ही बचते रहे हैं, जबकि उनकी आपराधिक प्रवृत्ति सर्वज्ञात है।

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यह था पूरा प्रकरण

एसडीएम नर्मदापुरम आशीष पांडे ने मीडिया को बताया कि गुरुवार शाम को राजस्व अमला सीमांकन कार्य समाप्त करने के पश्चात ग्राम पांजराकला होते हुए तहसील कार्यालय नर्मदापुरम पहुंच रहे थे, तभी रास्ते में पांजराकला में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पांजराकला जोड़ पर रेत से भरी ट्रेक्टर ट्राली लेकर पांजराकला की तरफ जा रहा था। राजस्व अमले की गाड़ी को देखकर वह ट्राली छोड़ कर ट्रेक्टर लेकर भाग गया। जिसके बाद राजस्व अमले द्वारा माइनिंग विभाग को कार्यवाही के लिए बुलाया गया। साथ ही अन्य ट्रेक्टर एवं प्राईवेट चालक छोटू गोस्वामी को ट्राली को ले जाने एवं अग्रिम कार्यवाही के लिए बुलाया गया। माइनिंग विभाग के अमले ने ट्रैक्टर सहित ट्राली को चालक छोटू गोस्वामी को चलाने के लिए कहा तब वहां पर आरोपी सोनू निमोदा, मयंक निमोदा आए और राजस्व व माईनिग विभाग की टीम पर हमला कर दिया व प्रायवेट चालक छोटू गोस्वामी को सोनू निमोदा, मयंक निमोदा ने अपने हाथ से पत्थर उठाकर मारा जिससे छोटू को सिर में व शरीर में अन्य जगह चोटें आई हैं। छोटू गोस्वामी को नर्मदा अपना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार जारी है। उक्त आरोपियों द्वारा राजस्व व माइनिंग टीम पर हमला कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई जिस कारण आरोपियों के विरुद्ध तत्काल वैधानिक कार्यवाही के लिए आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है।

नायब तहसीलदार को दिया कारण बताओ नोटिस

एसडीएम श्री पांडे ने बताया कि ग्राम पांजराकला में हुई घटना के संबंध में नायब तहसीलदार ग्रामीण श्रीमती कीर्ति प्रधान द्वारा घटना की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गई। जिस पर उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। घटना में हुए पथराव से प्रायवेट ड्राइवर का सिर फूट गया। उसके सिर में 15 टांके आए हैं। ज्ञात रहे कि हमले के बाद टीम को भी ट्रॉली छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा था। घटना गुरुवार देर शाम की है। पर शुक्रवार दोपहर में 3 बजे महिला अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। नायब तहसीलदार कीर्ति प्रधान दोपहर 3 बजे देहात थाने पहुंची। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम 5.30 बजे वे जमीन का सीमांकन का काम पूरा कर लौट रही थीं। रास्ते में पांजरा गांव में रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली जा रही थी। हमारी गाड़ी को आता देख ड्राइवर ने ट्रैक्टर से ट्रॉली को अलग किया और ट्रैक्टर लेकर भाग निकला।

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रेत जब्त करने के लिए माइनिंग इंस्पेक्टर पिंकी चौहान, कृष्णा परस्ते को भी मौके पर बुला लिया। ट्रॉली ले जाने के लिए प्राइवेट ट्रैक्टर ड्राइवर छुट्टी गोस्वामी को भी बुलाया। वह अपने ट्रैक्टर से ट्रॉली को जोड़ रहा था, इतने में आरोपी सोनू निमोदा, मयंक निमोदा वहां आए। उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पत्थर लगने से छुट्टी का सिर फूट गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों ने उसके ब्रेन में सूजन बताई है।

ज्ञात रहे कि दो हफ्ते पहले भी माइनिंग कंपनी के एक वर्कर का सिर फोड़ा गया था। 30 नवंबर को भी जिले में रेत माफिया की गुंडागर्दी का यह मामला सामने आया था। माइनिंग कंपनी सिल्वर मिस्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी निखिल तिवारी का सिर फोड़ दिया गया था। माफिया ने उसे रॉड-डंडे से बुरी तरह पीटा था। कर्मचारी के सिर में आठ टांके आए थे। आरोपी तलवार और चाकू भी लिए हुए थे।

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ज्ञात रहे कि नर्मदापुरम जिले की रेत खदानों का कॉन्ट्रैक्ट सिल्वर मिस्ट कंपनी को मिला है। पर अवैध उत्खनन करने वाले माफिया की आए दिन कंपनी के कर्मचारियों से तो झड़प होती ही रहती है पर अब इनके हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि रोक टोक करने पर ये राजस्व और खनिज विभाग की टीमों तक पर हमले करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर हर दिन यह चर्चा होती रहती है कि खनिज विभाग के कुछ अधिकारियों को माफिया की पूरी जानकारी होने के बाबजूद भी उन पर प्रभावी अंकुश लगाने की कार्यवाही नहीं होती है।

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अब इसके पीछे माफिया का आतंक है या कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का चक्कर यह तो जिला प्रशासन की उच्च स्तरीय जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है। हालांकि सोशल मीडिया पर इटारसी और नर्मदापुरम दोनों शहरों में तथा ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले बड़े छोटे माफिया द्वारा विभिन्न स्थानों पर किए जा रहे अवैध उत्खनन की जनचर्चा इशारों इशारों में प्रायः होती रहती है। जिस पर भी यदि प्रशासन संज्ञान लेवे तो उसे माफिया आतंक को खत्म करने में काफी मदद मिल सकती है। आम आदमी इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहता। अतः सब कुछ खुलेआम होने पर भी कई शिकायतें प्रशासन के उच्च स्तर तक पहुंच ही नहीं पातीं।