समभाव से आगे भी जारी रहे सख्त कार्यवाही…

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समभाव से आगे भी जारी रहे सख्त कार्यवाही…

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छतरपुर जिले में पत्थरबाजों पर हुई सख्त कार्यवाही अब एक मिसाल बन गई है। इसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश में इससे पहले बुलडोजर बाबा ने मकान नहीं ढहाए हैं। कथित अपराधियों के आशियानों पर तो कहर पहले भी बरपा है। पर इस बार कथित आरोपी शहजाद के महलनुमा आशियाने को नेस्तनाबूत करने का सरकारी मिजाज एकदम जुदा रहा। पत्थरबाजी करने वालों को सरकार कभी सुकून से नहीं रहने देगी, मोहन के मन की यह बात सबको समझ में आ गई है। तो यह फैसला आलोचना की आग में भी खूब झुलस रहा है। सरकार को तारीफ तो समझ में आ जाती है, पर आलोचना की आग सरकार को झुलसाने का माद्दा कतई नहीं रखती। क्योंकि सरकार के सत्य के पीछे पुष्ट तर्कों की एक माला भी होती है, जो जगह-जगह करनी का ढिंढोरा तेज आवाज में पीटती रहे। हालांकि सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। पर जिस तरह डॉ. मोहन यादव के पत्थरबाजों के घर पर बुलडोजर चलाने को ‘योगी मॉडल की तर्ज पर मोहन की सख्त कार्यवाही’ माना जा रहा है, तो यह कार्यवाही उसी तरह हर पत्थरबाज को बुलडोजर की खौफनाक तबाही का मंजर दिखाती रहे। योगी भी अपराधियों के संग एक जैसा बर्ताव करती है, तो अब मोहन यादव भी अपराधियों के साथ सख्ती का समभाव रखकर आलोचना करने वालों का मुंह पूरी तरह बंद कर दे। बुलडोजर अब फुफकारता रहे और अपराधियों के भीतर पुलिस का खौफ स्थायी तौर पर समा जाए। योगी राज इस उद्देश्य में सफल रहा है, तो अब परीक्षा की कसौटी पर मोहन की सरकार है।
एक्स पर यह पोस्ट चर्चित हो गई है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छतरपुर जिले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना मिलने पर तुरंत उच्च अधिकारियों से घटना की जानकारी लेकर जवानों के समुचित इलाज के निर्देश दिए थे।आगे लिखा था कि मध्यप्रदेश ‘शांति का प्रदेश’ है, कोई भी सुनियोजित तरीके से कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैनें पुलिस के उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों की जल्द पहचान कर कठोर कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। प्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है।
तो फिर वही बात है कि मोहन की इस बात से सभी सहमत हैं। पर यदि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति होती है, तब कार्यवाही उतनी ही कठोर की जाए जैसी छतरपुर में हुई है। तब दोषियों की पहचान उतनी ही जल्दी हो जितनी जल्दी छतरपुर में हुई है। ताकि मध्यप्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे और प्रदेश शांति का टापू बना रहे। कोई कानून हाथ में लेता है तो कतई बर्दाश्त न किया जाए। मुझे हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार परेड में शामिल होने आई उत्तर प्रदेश की बटालियन का नेतृत्व करने आए प्रयागराज के डीएसपी यादव की बात सौ फीसदी तर्कसंगत और मन को संतुष्ट करने वाली लगी। उन्होंने योगी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए बताया था कि अपराधी कोई भी हो, चाहे मुसलमान या हिंदू, योगी का बुलडोजर समभाव से हिसाब-किताब चुकता करता है। गलत काम करने वालों पर योगी की प्रतिक्रिया एक जैसी ही है, चाहे फिर वह उनके दल से ही क्यों न जुड़ा हो या फिर विपक्षी दल का ही हो। खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा, तो सांसद दिग्विजय सिंह ने विष्णुदत्त शर्मा पर निशाना साधा है। तो आलोचकों का मुंह बंद करना है, तब एक ही उपाय है कि पत्थरबाजों और अपराधियों के खिलाफ डॉ. मोहन यादव सरकार में बुलडोजर समभाव से सख्त कार्यवाही आगे भी जारी रखे…।