भारत अध्ययन शाला की फर्जी नियुक्तियों पर छात्र नेता तरुण गिरी ने खोला मोर्चा

10 विद्यार्थियों वाले विभाग में सचिन राय ने 3 महिला को बनाया टीचर

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भारत अध्ययन शाला की फर्जी नियुक्तियों पर छात्र नेता तरुण गिरी ने खोला मोर्चा

Ujjain। विक्रम विश्वविद्यालय में घोटालों का अंबार लगा हुआ हैं। पीएचडी घोटाला खत्म हुआ नही था कि अब दर्ज़ी फैकल्टी रखने का घोटाला भी सामने आया हैं। एनएसयूआई छात्र नेता तरुण गिरी ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय की विधि अध्ययन शाला के ऊपर 4 कमरों में एक विभाग भारत अध्ययन शाला खोला गया जिसमे विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एम.के राय के बेटे एवं फर्जी कर्मचारी डॉ सचिन रॉय को निदेश बना दिया गया।

भारत अध्ययन शाला में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या मात्र 10 हैं लेकिन सचिन राय ने अपनी चहेती 3 महिलाओं को हर माह 15 से 20 हजार तक के वेतनमान पर टीचर की नोकरी पर रख लिया।छात्र नेता तरुण गिरी जब इस मामले का पर्दाफाश करने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत अध्ययन शाला पहुंचे तो सचिन राय एवं उसके साथियों ने छात्र नेता तरुण गिरी से बत्तमीजी करना शुरू कर दी जिसका छात्र नेता तरुण गिरी ने कड़ा विरोध किया।

सूत्रों के मुताबिक 2007 में पूर्व कुलसचिव एम.के. राय ने अपने लड़के सचिन राय को अपने पद का गलत उपयोग करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय में सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पर लगा दिया था लेकिन 2010 में राजभवन ने इस नियुक्ति को कैंसिल करने के आदेश दे दिए थे, इसके बावजूद सचिन राय की नियुक्ति समाप्त नहीं हुई।

वर्तमान समय मे डॉक्टर सचिन राय कुलसचिव प्रो.प्रशांत पौराणिक के काफी करीबी हैं।इस वजह से इस असिस्टेंट ऑफिसर को सीधे निदेशक का पद दे दिया गया।अपने पद का गलत उपयोग करते हुए सचिन राय ने 3 महिला मित्रों को टीचर एवं 2 आउटसोर्स कर्मचारी को बाबू बना रखा हैं।छात्र नेता तरुण गिरी ने आगे बताया कि फर्जी कर्मचारी सचिन राय एवं उसकी महिला मित्रों की फर्जी नियुक्तियों के सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद है एवं बहुत जल्द राजभवन में इसकी शिकायत होने वाली हैं।जिसके बाद कई जांच एजेंसियां विक्रम विश्वविद्यालय एवं भारत अध्ययन शाला में कदम रख सकती हैं।