Mumbai Central Railway के GM विजय कुमार का आकस्मिक निधन: रात में सोए, लेकिन सुबह उठे नहीं.

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Mumbai Central Railway के GM विजय कुमार का आकस्मिक निधन: रात में सोए, लेकिन सुबह उठे नहीं.

Mumbai: भारतीय रेलवे ने आज एक संवेदनशील और कुशल प्रशासक खो दिया। Central Railway के General Manager विजय कुमार का मंगलवार तड़के मुंबई में नींद के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिजनों ने जब सुबह उन्हें उठाने की कोशिश की, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। तत्परता से उन्हें दक्षिण मुंबई के जसलोक अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बीते माह संभाली थी Central Railway की कमान

Vijay kumar ने बीते माह, 1 अक्टूबर 2025 को मध्य रेलवे के महाप्रबंधक पद की जिम्मेदारी संभाली थी। अपने छोटे से कार्यकाल में ही उन्होंने कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता से सभी का विश्वास जीता। सहकर्मी उन्हें विनम्र स्वभाव, सादगी और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए याद कर रहे हैं।

35 वर्षों की उल्लेखनीय सेवा

1988 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मेकैनिकल इंजीनियर्स (IRSME) अधिकारी विजय कुमार ने अपने तीन दशक से अधिक लंबे करियर में भारतीय रेलवे के कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई।

वे उत्तर रेलवे, उत्तर-पश्चिम रेलवे, रेलवे बोर्ड और अनुसंधान एवं मानक संगठन (RDSO) में भी सेवाएं दे चुके थे।
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) के महाप्रबंधक रहते हुए उन्होंने रिकॉर्ड लोकोमोटिव उत्पादन कराकर रेलवे को नई ऊंचाई दी थी।

रेलवे में शोक की लहर

मध्य रेलवे प्रशासन ने अपने आधिकारिक संदेश में गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “श्री विजय कुमार न केवल एक कुशल अधिकारी थे, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे। उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।”

 

रेल कर्मचारियों और सहयोगियों ने भी सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने बहुत कम समय में सभी का दिल जीत लिया था।

यूनियन ने भी जताया गहरा दुख

नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन (NRMU) ने अपने बयान में कहा कि विजय कुमार का असामयिक निधन रेलवे परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके सादे व्यवहार और कर्मचारियों के हितों के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें सबका प्रिय बना दिया था।

एक संवेदनशील अधिकारी की याद

रेलवे जगत में विजय कुमार को एक ऐसे अधिकारी के रूप में जाना जाता था जो प्रबंधन के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी समान महत्व देते थे। उनके निधन ने रेलवे प्रशासन में एक बड़ी खाली जगह छोड़ दी है, जिसे भर पाना कठिन होगा।