Suicide for Not Knowing English : अंग्रेजी में कमजोर छात्रा के सुसाइड के बाद SGSITS में हंगामा!
Indore : अंग्रेजी नहीं जानने वाली श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (SGSITS) की छात्रा ने हॉस्टल में सुसाइड कर लिया था। इस मामले ने तूल पकड़ लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों सहित स्टूडेंट्स ने संस्था में हंगामा किया। उन्होंने संस्था के डायरेक्टर पर लापरवाही के आरोप भी लगाए और उनका इस्तीफा मांगा।
स्टूडेंट्स डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे रहे और नारेबाजी की। नेताओं और डायरेक्टर के बीच तीखी बहस भी हुई। डायरेक्टर के जांच के आश्वासन के बाद स्टूडेंट्स ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया। डायरेक्टर का कहना है कि मामले को लेकर संस्था की तरफ से जांच कमेटी बनाई गई है।
एसजीएसआईटीएस में इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर की छात्रा दीप्ति मंडलोई (19) ने गुरुवार को हॉस्टल में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। वह कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटकी मिली। मिले सुसाइड नोट में उसने अंग्रेजी कमजोर होने को मौत का कारण बताया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसे 8 में से 5 सब्जेक्ट में एटीकेटी आई थी। इस मामले को लेकर ABVP पदाधिकारी और स्टूडेंट्स ने SGSITS के डायरेक्टर राकेश सक्सेना को ज्ञापन सौंपा।
अभाविप के महानगर मंत्री सार्थक जैन का कहना है कि छात्रा ने हॉस्टल में सुसाइड किया है। छात्रा मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित थी, क्योंकि कॉलेज प्रशासन एग्जाम के कुछ दिन पहले तक सिलेबस अपडेट नहीं करता इसलिए स्टूडेंट्स को रिवीजन का टाइम नहीं मिलता।
जब छात्रा बाहर से आई है, उसे इंग्लिश में दिक्कत हो सकती है। पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए कुछ कोर्स चला सकते है। लेकिन, कॉलेज प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की कि स्टूडेंट्स पर्सनैलिटी डेवलपमेंट करें। स्टूडेंट्स के विकास के लिए कोई कोर्स चलाए या एक्स्ट्रा क्लास लगवाए। कई स्टूडेंट्स का आरोप है कि हमें कई सब्जेक्ट में फेल कर दिया। जब हम 300 रुपए देकर रिवेल का फॉर्म डालते हैं तो उसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट्स पास हो जाते हैं। इस तरह यहां व्यवसाय चलाया जा रहा है।
सुसाइड मामले की जांच हो
ABVP ने कहा कि हमारी मांग है कि छात्रा ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। डायरेक्टर को कुर्सी छोड़ना चाहिए और यहां योग्य डायरेक्टर नियुक्त होना चाहिए। जबकि, डायरेक्टर राकेश सक्सेना का कहना है कि सभी डिपार्टमेंट हेड की बैठक ली है। सुसाइड करने वाली बच्ची के संस्था में जो मेंटर है, उन्हें भी बुलाया था। जांच हो रही है कि ऐसा क्यों हुआ। क्योंकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
जांच कमेटी बना दी गई
मामले को लेकर संस्थान की एक जांच कमेटी बना दी है। पुलिस की फोरेंसिक टीम अंदर के सभी डॉक्यूमेंट ले गई है। पुलिस का कहना है कि वो भी लिखकर देंगे कि उन्होंने मौके पर क्या पाया। उसके बाद हमारी जांच कमेटी भी हमें रिपोर्ट दे देगी। छात्रा ने अपने सब्जेक्ट्स रुकने की जानकारी अपने पेरेंट्स को दे दी थी। उसका रिजल्ट 15 दिन पहले आ चुका था। साथ में जो अन्य छात्राएं रहती है, वो भी नहीं समझ पा रही कि मम्मी को भी मालूम। उन्होंने भी कहा था कि चिंता मत करना।