

Suicide : डीआरपी लाइन में पदस्थ बीमार हेड कांस्टेबल ने खुदकुशी की, ट्रेन के सामने छलांग लगाई!
Indore : एक साल से डीआरपी लाइन में पदस्थ हेड कांस्टेबल ने बीमारी के चलते ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वे घर से सुबह 10 बजे कुछ देर में आने का बोलकर निकले थे, जब काफी देर तक घर नहीं पहुंचे, तो परिजनों ने पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने उनकी गुमशुदगी दर्ज की, तभी करीब एक बजे राहगीर से सूचना मिली की रेलवे पटरी पर शव पड़ा है। जब पुलिस ने शव की शिनाख्त की तो वह पुलिसकर्मी जितेन्द्र चौहान की थी।
लसूड़िया पुलिस के अनुसार घटना कैलाद हाला इलाके की है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जितेंद्र चौहान पिछले दो साल से कैंसर और शुगर की बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। इससे वह मानसिक तनाव में रहते थे। जितेंद्र पहले सेंट्रल कोतवाली थाने में पदस्थ थे और जावरा कंपाउंड क्षेत्र में रहते थे। बाद में वह स्कीम नंबर 114 में शिफ्ट हो गए थे।
कुछ समय पहले उनका तबादला जोन 2 में हुआ था और डीसीपी एसआईटी टीम में भी सेवा दी थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर कनाड़िया थाने में हुआ, लेकिन वहां वह केवल 10 दिन ही काम कर सके। बीमारी के चलते उन्होंने पुलिस लाइन में तबादला करा लिया था और छुट्टी पर चले गए थे। मृत हेड कांस्टेबल के तीन बच्चे हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दो माह में तीसरी आत्महत्या
पुलिस विभाग में दो माह में यह तीसरी आत्महत्या है। इसके पहले परदेशीपुरा थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल विनोद यादव ने प्रेम प्रसंग के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। विनोद का 10 साल से युवती से संबंध था। इसके बाद द्वारकापुरी थाने में पदस्थ आरक्षक अनुराग भाभर ने सर्विस रायफल से खुद को गोली मार ली थी। अनुराग की आत्महत्या का कारण पता नहीं चल पाया है। यह तीसरी आत्महत्या है, जो बीमारी के चलते हुई।