रविवारीय गपशप :बाबा महाकाल के दर्शन करने अमिताभ और गोविंदा आए, वो न भूलने वाला प्रसंग

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रविवारीय गपशप :बाबा महाकाल के दर्शन करने अमिताभ और गोविंदा आए, वो न भूलने वाला प्रसंग

आनन्द शर्मा

सारी दुनिया जिनकी दीवानी है , ऐसे सेलिब्रिटी भी भगवान महाकाल के दर्शनों के आकांक्षी होते हैं । प्रसिद्धि के शिखर पर विराजमान ये शख्सियतें चाहे वे फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखने वाले स्टार्स हों या क्रिकेट के महारथी हों अथवा कला की दुनिया के बादशाह हों सब भोलेभंडारी से आशीर्वाद पाने की लालसा रखते हैं ।

उज्जैन की अपनी पदस्थापना के दौरान मैं ऐसी अनके घटनाओं का साक्षी रहा हूँ । कहते हैं जब अमिताभ फ़िल्म कुली की शूटिंग के दौरान घायल हुए तो महाकालेश्वर मंदिर में उनके लिए विशेष पूजन अर्चन करवाया गया था , ये भी कहते कि फ़िल्म अभिनेत्री रेखा ने मंदिर के आसपास जमीन पर लेट कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना के साथ परिक्रमा की थी । मेरे उज्जैन रहते अमिताभ जब महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों के लिए पधारे तब मैंने भीड़ में उनके प्रशंसकों को उनकी एक झलक पाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए बेकरार होते देखा था । अमिताभ जब दर्शन कर वापस लौट रहे थे , तो कई लड़कियों ने अपने दुपट्टे उनके पैरों में फेक दिए ताकि उनके पैरों के स्पर्श मिल जाय । फ़िल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी जब मंदिर में दर्शनों के लिए आई तो दीवानी भीड़ ने पुजारी का घर घेर लिया , बमुश्किल हम उसे भीड़ से निकाल कर इंदौर के लिए रवाना कर पाए । इसी तरह एक और मजेदार घटना याद आ रही है जो आपसे साझा कर रहा हूँ ।

उन दिनों मंदिर में रुद्र यंत्र की पुनर्स्थापना का कार्य चल रहा था , जिसमे सभी श्रद्धालु अपनी अपनी क्षमता अनुसार चाँदी दान कर रहे थे । एक दिन मंदिर के पुजारी श्री रमन त्रिवेदी मेरे पास आए और बोले कि हिंदी फ़िल्मों के मशहूर अभिनेता गोविंदा भी मंदिर में रुद्र यंत्र के लिए चाँदी दान करना चाहते हैं और अगले सप्ताह उनके उज्जैन आने का कार्यक्रम बन रहा है । हमारे लिए ये ख़बर अच्छी थी क्योंकि इतने मशहूर अभिनेता के दान के बाद हमें इतनी पब्लिसिटी मिल जाती की प्रोजेक्ट के लिए आसानी से बाक़ी की चाँदी इकट्ठी हो जाती । मैंने अपनी ओर से उन्हें आश्वस्त किया कि गोविंदा के दर्शनों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ कर दी जायेंगी । गोविंदा की उनदिनों जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए मैंने पुलिस के भी आवश्यक इंतिज़ामात कर लिए । निर्धारित दिन मैंने मंदिर जाने के पहले अपनी पत्नी को बताया कि आज मंदिर में गोविंदा आने वाला है । मेरी पत्नी ख़ुद गोविंदा की बड़ी फैन थी तो यह सुनते ही उसने मेरे साथी सी.एस.पी. महेंद्र सिंह सिकरवार की पत्नी जो उनकी अच्छी सहेली थीं के साथ मंदिर आने का कार्यक्रम बना लिया । मैंने मंदिर में उन दोनों को देखा तो अपने प्रशासकीय कार्यालय में उन्हें बिठा दिया कि गोविंदा जब यहाँ आयेंगे तब आप लोग भी मिल लेना । इसके बाद मैं इंतजाम में लग गया , गोविंदा आए तो मैंने उन्हें मुख्य द्वार पर साथ लिया और मंदिर के अंदर तक ले गया । जब गोविंदा गर्भगृह में चले गए तो मुझे याद आया कि दोनों भद्र महिलाएं तो मेरे ऑफिस में बैठी हुई होंगी , इसलिए उन्हें यह बताने कि बस गोविंदा आने ही वाले हैं , मैं ऑफिस गया तो दोनों ही मैडम वहाँ थी ही नहीं । कर्मचारियों से पूछा तो पता लगा कि गोविंदा के आने की खबर सुन कर वे दोनों मंदिर की तरफ़ ही गईं हैं । मैंने सोचा इतनी भीड़ में न जाने वे अब अपनी पसंद के कलाकार से मिल पायें या नहीं और मंदिर में वापस आ गया । नंदी हाल में घुसते ही मैंने सामने देखा तो पाया दोनों श्रीमतियाँ गोविंदा के अगल बगल खड़ी उसके साथ फोटो खिंचा रहीं हैं । जनता के साथ उनकी दीवानगी देख मुझे भी हँसी आ गई इसके बाद मैं गोविंदा को लेकर ऑफिस आया जहाँ उसने रुद्र यंत्र में लगने वाली चाँदी के लिए पचास हज़ार रुपयों का दान दिया ।