

Sunita Williams’s Roots are in Vidisha : सुनीता विलियम्स के परिवार की जड़ें 112 साल पहले MP में विदिशा से जुड़ी!
उनके पूर्वज विदिशा से बनारस गए, वहां से गुजरात पहुंचे, फिर अमेरिका! विदिशा से सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा ने सुनीता को ही यह जानकारी दी थी!
Vidisha : सुनीता विलियम्स इन दिनों दुनियाभर में चर्चा में हैं। इस अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ने 9 महीने अंतरिक्ष में गुजारे और हाल ही में धरती पर वापस लौटी हैं। वे भारतीय मूल की हैं, ये सभी जानते हैं। उन्हें गुजरात का माना जाता है, पर असल बात इससे अलग है।
सुनीता विलियम्स का मध्य प्रदेश के विदिशा से दशकों पुराना रिश्ता है। उनके पूर्वज लगभग 112 साल पहले विदिशा से बनारस, फिर गुजरात में जाकर बस गए थे। फिर वहां से अमेरिका पहुंचे और सुनीता को अंतरिक्ष की राह मिली।
विदिशा से सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा ने कुछ साल पहले मुंबई में सुनीता विलियम्स से हुई मुलाकात के हवाले से यह बात कहीं थी।
निश्चित रूप से विदिशा के लोगों के लिए ये गर्व करने वाली बात है कि उनके शहर का रिश्ता इस विख्यात अंतरिक्ष यात्री से जुड़ा है। विदिशा से पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा ने बताया कि मैंने करीब 11-12 साल पहले सुनीता विलियम्स से मुंबई में मुलाकात की थी। उनसे मिलने का अपॉइंटमेंट मुझे केंद्र सरकार के जरिए मिला था। क्योंकि, उनकी सुरक्षा बेहद टाइट रहती हैं। केंद्र सरकार का होम मिनिस्टर का सिक्योरिटी कवर उनके साथ था। हमने उनको बताया कि हम उनके पैतृक शहर विदिशा से आए हैं और आपसे मिलना चाहते हैं।
प्रताप भानु शर्मा ने बताया कि सुनीता के परिवार का पूरा लेखा-जोखा हमने विदिशा के धर्म अधिकारी पं गोविंद प्रसाद शास्त्री से निकलवाया था। वो पूरी जानकारी लेकर मैं उनके पास गया। सुनीता विलियम्स को बहुत खुशी हुई और वह कहने लगीं कि हमारे पूर्वज विदिशा से हैं। हमारे परदादा विदिशा में ही रहते थे। तीर्थ यात्रा पर काशी पहुंचे उनके दादा और दादी की वहीं मृत्यु हो गई थी।
पूर्व सांसद ने बताया कि सुनीता विलियम्स का परिवार मूल रूप से विदिशा से था। उनके पिता जब 8 साल के थे, वे अपने माता-पिता के साथ तीर्थ यात्रा पर काशी गए थे। उनके दादाजी का नाम बृजगोपाल था। काशी में उनके दादा और दादी की मृत्यु हो गई। वहां से कुछ साधु उनके पिता और बुआ को विदिशा छोड़ने के बजाए गुजरात के मेहसाणा के पास नारदीपुर गांव ले गए।
नारदीपुर के एक अमीर व्यापारी भोगीलाल राजाराम ने उनके पिता और बुआ को गोद ले लिया। वहां उन्होंने उनके पिताजी को उच्च शिक्षा दिलाई और बॉम्बे ले गए। बाद में बच्चों को लेकर वे अमेरिका चले गए। सुनीता विलियम्स की पूरी शिक्षा अमेरिका में ही हुई।
जड़ों की तलाश में धर्माधिकारी की भूमिका
धर्माधिकारी पं गोविंद प्रसाद शास्त्री ने सुनीता विलियम्स के पूर्वजों से जुड़े प्रमाण जुटाए और उन्हें उनके परिवार तक पहुँचाने का काम किया। उन्होंने ये दस्तावेज पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा के माध्यम से सुनीता विलियम्स के परिवार को सौंपे। सुनीता के परदादा पंडित गोपीलाल पांडे विदिशा में निवास करते थे। वे अपने भाई श्यामलाल पांडे और दो पुत्रों शिव गोपाल व बृजगोपाल पांडे के साथ लगभग 112 वर्ष पूर्व विदिशा में रहते थे। उनका आवास विदिशा में किले के अंदर था। साल 2007 में एक इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने खुद कहा था कि मैं मूल रूप से विदिशा से हूँ। यह कथन उनके भारतीय जड़ों की पुष्टि करता है और उनके पूर्वजों की विदिशा से गहरी जुड़ाव को दर्शाता है।
विदिशा की अंतरराष्ट्रीय पहचान
विदिशा को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की वजह से जाना जाता है। जिस गली में सत्यार्थी जी का निवास था, वहीं सुनीता विलियम्स के पूर्वज भी रहा करते थे। यह संयोग विदिशा के लिए गर्व का विषय है कि इस क्षेत्र से दो ऐसे व्यक्तियों का संबंध है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। यह कहानी न केवल विदिशा के गौरव को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कठिन परिस्थितियों से निकलकर भी व्यक्ति सफलता के शिखर तक पहुंच सकता है। सुनीता विलियम्स आज युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, और विदिशा उनकी ऐतिहासिक विरासत का साक्षी बना रहेगा।