Supreme Court Decision : आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्र अनारक्षित सीटों पर दावे के हकदार, सुप्रीम कोर्ट का फैसला!

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया!

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Supreme Court Decision : आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्र अनारक्षित सीटों पर दावे के हकदार, सुप्रीम कोर्ट का फैसला!

New Delhi : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें आरक्षित श्रेणी (Reserve) के मेधावी अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी (अनारक्षित कोटा) में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि एससी/एसटी/ओबीसी जैसे आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थी यदि अपनी योग्यता के आधार पर मेरिट में स्थान पाते हैं, तो उन्हें अनारक्षित कोटे में ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। ऐसे अभ्यर्थी को आरक्षित श्रेणी की सीट पर नहीं गिना जा सकता।

यह मामला एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश से संबंधित है जिसमें कुल सीटों में से 5% सीटें सरकारी स्कूल (जीएस) के छात्रों के लिए आरक्षित थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि।मेधावी आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार जो अपनी योग्यता के आधार पर उक्त क्षैतिज आरक्षण की सामान्य श्रेणी का हकदार है, उसे उक्त क्षैतिज आरक्षण की सामान्य श्रेणी से सीट आवंटित की जानी चाहिए। इसका मतलब है कि ऐसे उम्मीदवार को ST/ST जैसी ऊर्ध्वाधर आरक्षण की श्रेणी के लिए आरक्षित क्षैतिज सीट में नहीं गिना जा सकता।

 

मध्य प्रदेश से जुड़ा मामला

यह मामला मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला से संबंधित है। इसमें आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों को सामान्य कोटे में दाखिला देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय ने भी छात्रों को राहत देने से इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि सामान्य कोटे के छात्रों की तुलना में अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद, अपीलकर्ताओं को सामपूज्य श्रेणी की सीटें आवंटित नहीं की गईं।

फैसले में कहा गया कि निस्संदेह, अपीलकर्ता जो मेधावी थे और जिन्हें सामान्य श्रेणी की सीटों पर प्रवेश दिया जा सकता था, उन्हें क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर आरक्षण लागू करने में कार्यप्रणाली के गलत प्रयोग के चलते प्रवेश से वंचित कर दिया गया। पीठ ने कहा है कि जिन्हें अपीलकर्ताओं से कम अंक प्राप्त थे, उन्हें सामान्य कोटे की सीटों पर दाखिला दिया गया।