Supreme Court Halted Investigation : पूर्व ‘रेरा’ चैयरमैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकी, CM सचिवालय समेत कई से जवाब मांगा!

याचिका में आरोप लगाया कि सीएम ऑफिस के दबाव में उनके खिलाफ जांच बैठाई!

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Supreme Court Halted Investigation

Supreme Court Halted Investigation : पूर्व ‘रेरा’ चैयरमैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकी, CM सचिवालय समेत कई से जवाब मांगा!

 

Bhopal : मध्यप्रदेश सरकार की कार्रवाई के खिलाफ ‘मप्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी’ (रेरा) के चेयरमैन और पूर्व आईएएस अजीत कुमार श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर रोक लगाते हुए सीएम सचिवालय, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मुख्य सचिव और अन्य से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी। सरकार ने हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की है, इसलिए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अब सरकार जवाब के साथ पक्ष रखेगी, तब तक जांच रोकी गई। नगरीय विकास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला ने कहा कि उन्हें अभी आदेश की जानकारी नहीं है।
अजीत कुमार श्रीवास्तव के अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता के जरिए दायर याचिका में श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि सीएम ऑफिस के दबाव में उनके खिलाफ जांच बैठाई गई। इसके पीछे बिल्डर और व्यापमं लॉबी का हाथ बताया गया है। याचिका में कहा गया कि वे 2011 से 2014 के बीच व्यापमं अध्यक्ष रहे हैं। ‘रेरा’ अधिनियम की धारा 26 और नियम 35 का पालन किए बिना जांच शुरू कर दी गई। मप्र हाईकोर्ट ने ‘रेरा’ एक्ट की धारा 26 के तहत जांच जज एमएस भट्टी को सौंपी है।

याचिका में सीएम ऑफिस से निकली नोटशीट भी जोड़ी
याचिका में सीएम ऑफिस से निकली एक नोटशीट को भी शामिल किया गया। इसमें कहा गया कि ‘रेरा’ चेयरमैन को हटाने को हटाने से जुड़ी एक नोटशीट 13 फरवरी 2024 को सीएम ऑफिस से ​नगरीय विकास विभाग को भेजी गई। इसमें चेयरमैन को तत्काल पद से हटाने की बात थी। जब इस पर अमल नहीं हो पाया, तो सीएम ऑफिस से मप्र हाई कोर्ट को अनुशंसा जारी कर जांच बिठा दी गई। इसका आधार 1 जुलाई 2023 में एक पक्षकार जीपी गुप्ता की शिकायत को बनाया गया। यह शिकायत रेरा चेयरमैन एवं सभी सदस्यों के विरुद्ध की गई थी। जीपी गुप्ता की शिकायत का आधार यह था कि उन्होंने एक बिल्डर के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए रेरा में आवेदन किया।
रेरा की 3 सदस्यीय बेंच ने अनुपयुक्त मानकर उसे खारिज कर दिया था। इससे दुखी होकर जीपी गुप्ता द्वारा राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में उपरोक्त शिकायत की गई। पहले इस शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। बाद में नवंबर 2024 को इसी शिकायत का आधार बनाकर जांच बिठा दी गई। पद से हटाने की अनुशंसा की गई।