Supreme Court on Reservation Issue : अध्यादेश खत्म, चुनाव रद्द, इसलिए पुनर्विचार याचिका निष्प्रभावी

ओबीसी आरक्षण मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी

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New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश सहित सभी राज्य आरक्षण नियम का पालन अवश्य करें। कोर्ट ने फैसला लेते हुए राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका का निराकरण कर दिया है। अब मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अध्यादेश खत्म हो चुका है और चुनाव रद्द हो गए। इसलिए इस संदर्भ में पुनर्विचार याचिका निष्प्रभावी मानी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले के बाद शिवराज सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। पंचायत चुनाव में OBC Reservation बहाल करने की मांग की गई थी।

ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बिना ट्रिपल टेस्ट नियम (Triple Test Rules) के प्रदेश में चुनाव न कराए जाएं। चुनाव में आरक्षण ‘ट्रिपल टेस्ट नियम’ के तहत ही तय किया जाए। इसके बाद मध्य प्रदेश में पंचायत के चुनाव (MP Panchayat Election) कराए जाएं।

केंद्र सरकार ने भी पंचायत चुनाव के लिए याचिका दायर कर 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि वैकल्पिक रूप से 4 महीने के लिए चुनाव टाले जाएं और 3 महीने के भीतर आयोग से रिपोर्ट तैयार करवाई जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 दिसंबर को पंचायत चुनाव में ओबीसी का रिजर्वेशन खत्म करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को निरस्त कर दिया गया था। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को फिर से बहाल करने की मांग की जा रही थी।

कोर्ट के इस आदेश के बाद मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में देरी होने के आसार हैं। मध्यप्रदेश में 22604 पंचायत में सरपंच और पंच का कार्यकाल मार्च 2020 में पूरा हो चुका है। इसके साथ-साथ 841 जिला और 6754 जनपद पंचायत सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो गए हैं। कोरोना की दो लहर के कारण पंचायत चुनाव को टाल दिया गया था। एक बार फिर पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) मामले में फंसे पेंच की वजह से पंचायत चुनाव को टालना पड़ा है।