श्रद्धांजलि :सुरेंद्र संघवी-एक दोस्त और बड़ा भाई

पूर्व वरिष्ठ IAS अधिकारी चितरंजन खेतान द्वारा दिवंगत सुरेंद्र संघवी को विनम्र श्रद्धांजलि 

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श्रद्धांजलि

सुरेंद्र संघवी-एक दोस्त और बड़ा भाई

मैंने देखे हैं कई व्यक्तित्व, लेकिन ऐसा संपूर्ण नहीं ।।

संस्कार और संस्कृति का संगम देखा,

माँ बाप की अहर्निश सेवा देखी।

अपने परिवार, बेटे-पोतों को सँभाला तो,

सभी भाइयों और उनके बच्चों की फ़िक्र देखी।

कला और कलाकारों की कद्र देखी,

साथ में भद्रपुरुष की हमेशा झलक देखी।

व्यवसाय, समाज-सेवा का ऐसा संतुलन देखा,

हमेशा जम कर काम और मन से सेवा देखी।

राजनीति की घुमावदार सड़कों पर दौड़ते,

और सबको मनाने-साधने की हद्द देखी।

नरमाई-गरमाई के साथ साधुवाद देखा,

दोस्तों पर समय और जान लुटाते देखा।

अरमानों की लंबी-ऊँची उड़ान देखी,

तो मुट्ठी से पल-पल रेत झरते भी देखी।

धर्म की, दुआ की,सेवा की ऊँचाई देखी,

तो ऐश और मस्ती का रंगीन मिश्रण भी देखा।

संस्कार-संस्कृति-व्यवसाय-राजनीति-

मीडिया और समाज सेवा के माहिर थे।

मेरे दोस्तों में वे अकेले ऐसे थे,

जो संपूर्ण व्यक्तित्व के मालिक थे।

उनकी याद हमेशा दिल-दिमाग़ में रहेगी,

उनकी आत्मा भगवान के चरणों में रहेगी।

 

उन्हें खेतान परिवार की श्रद्धांजलि।

 

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    🌺चितरंजन, वनिता, अंतरा, अक्षरा व अनुष्का खेतान।🌺