Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

1275
Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

यह आम धारणा है कि ‘ब्यूटी’ और ‘ब्रेन’ का आपस में कोई मेल नहीं होता। लेकिन, जब यह धारणा अपवाद स्वरूप खंडित होती है, तो उसका नतीजा मिसाल बन जाता है। सफलता का ऐसा ही एक शिखर खड़ा किया है राजस्थान के चूरू की रहने वाली ऐश्वर्या श्योराण ने। UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा (2019) में चयनित उम्मीदवारों में सबसे चौंकाने वाला नाम ऐश्वर्या श्योराण का था।

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

अभी तक ऐश्वर्या को मॉडल के रूप में पहचाना जाता था, पर अचानक उनकी नई प्रतिभा सामने आई और वे IAS बन गई। 4 अगस्त 2020 को जब यूपीएससी का रिजल्ट आया तो ऐश्वर्या श्योराण की पहचान बदल गई। उन्हें आल इंडिया में 93वीं रैंक हासिल हुई थी। ऐश्वर्या श्योराण 2016 में ‘फेमिना मिस इंडिया’ में फाइनलिस्ट भी रही थीं। मुंबई में आयोजित लक्मे फैशन वीक जिसे देश का सबसे बड़ा फैशन शो माना जाता है, उसमें ऐश्वर्या अकेली न्यू मॉडल थी।

2015 में ‘मिस दिल्ली’ का ख़िताब भी उसके नाम रहा। 2014 में वे दिल्ली की ‘क्लीन एंड क्लियर फेस फ्रेश’ भी रह चुकी हैं। दिल्ली में एक दिन मॉल में घूमने के दौरान वे एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनीं और मुंबई पहुंच गईं। यहां उन्होंने ‘मिस इंडिया’ में हिस्सा लिया और टॉप 21 तक पहुंची।

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

23 साल की ऐश्वर्या मूलरूप से राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ उपखंड के गांव चुबकिया ताल गांव की रहने वाली हैं। ऐश्वर्या के पिता अजय श्योराण भारतीय सेना में कर्नल के पद पर करीमनगर (तेलंगाना) में तैनात हैं और माँ सुमन गृहिणी। उनका परिवार अभी मुंबई रहता है। जबकि, ऐश्वर्या दिल्ली में पली और बढ़ी है।

उनकी स्कूली शिक्षा संस्कृति स्कूल चाणक्यपुरी में हुई है। स्कूलिंग के दौरान वे हैड गर्ल और 12वीं में 97.5% के साथ एकेडमिक टॉपर भी रही। ऐश्वर्या एक साइंस स्टूडेंट थीं। मगर बाद में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज आफ कॉमर्स में एडमिशन लिया। ऐश्वर्या का 2018 में IIM इंदौर में भी चयन हुआ था, लेकिन तब तक वे UPSC पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुकी थी, इसलिए IIM में एडमिशन का मौका छोड़ दिया।

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

सिविल सर्विस में आने की प्रेरणा ऐश्वर्या को 12वीं के दौरान तब मिली, जब वे क्लास में हेड गर्ल रहने के दौरान उनकी मुलाकात एक IAS अधिकारी से हुई। वे स्कूल में गेस्ट के तौर पर आते रहते थे। यहीं से उन्होंने तय किया कि सिविल सर्विस में जाना ही करियर चॉइस है।

ऐश्वर्या अपनी प्रतिभा पर इतना भरोसा था कि उन्होंने 10 महीने तक घर में रहकर तैयारी की। ऐश्वर्या ने कोई कोचिंग तो नहीं ली। लेकिन, उनके छोटे भाई ने नोट्स बनाने में उनकी मदद की। मुंबई में एक मॉक टेस्ट देने गई, तो वहां कहा गया कि आप आत्मविश्वासी हो, आपको इसकी ज़रूरत नहीं है।

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

इसके बाद इंटरव्यू की सारी तैयारी मां-पिताजी ने मुझसे सवाल पूछ-पूछ कर करवाई। अपना लक्ष्य पाने के लिए ऐश्वर्या ने 2018 में मॉडलिंग से ब्रेक भी लिया। UPSC की तैयारी के लिए उन्होंने सबसे पहले पूरे सिलेबस को समझा। अपने विषय तय किए और फिर तैयारी शुरू की। घर पर ही रहकर पढ़ाई की और पहले प्रारंभिक और फिर फाइनल परीक्षाएं फतह।

 

ऐश्वर्या को पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया में 93वीं रैंक हासिल हुई। बताते हैं कि इंटरमीडिएट के बाद ही वे तय कर चुकी थीं कि उन्हें IAS अफसर बनना हैं। इसके लिए उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद मॉडलिंग छोड़ दी और UPSC की तैयारी में जुट गईं।

ऐश्वर्या का कहना है कि उन्होंने UPSC की पढ़ाई पर फोकस करने के लिए अलग-अलग रास्ते निकाले। पढ़ते वक्त फोन स्विच ऑफ रखा और सोशल मीडिया से दूरी बना ली। मैं पूरी तरह से UPSC की तैयारी करना चाहती थी, इसलिए मैंने इंस्टाग्राम पर अपने अकाउंट और फ़ेसबुक को भी बाय बोल दिया। मैं नहीं चाहती थी कि इससे किसी भी तरह का डिस्ट्रैक्शन हो। इस पूरी तैयारी में इंटरनेट सबसे बड़ा टूल रहा।

इंटरनेट पर किताबों से लेकर पुराने इंटरव्यू, करंट अफेयर्स और अखबार सब मौजूद हैं। मैंने यहीं से अपनी बेसिक तैयारी शुरू की। टॉपिक के लिए के किताब को ही चुना और उसका बार-बार रिवीजन किया। तैयारी के दौरान स्ट्रेटेजी बहुत जरूरी है और मैंने उसी पर ध्यान दिया। बचपन से ही गहन अध्ययन पर मेरा ज्यादा ध्यान रहा है और वही मेरे काम भी आया।

ऐश्वर्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरी मां ने मेरा नाम ऐश्वर्या राय के नाम पर रखा! क्योंकि, वे चाहती थीं कि मैं ‘मिस इंडिया बनूं’ और आखिरकार मुझे मिस इंडिया के लिए शीर्ष 21 फाइनलिस्ट में चुन भी लिया गया, लेकिन मेरा लक्ष्य हमेशा से IAS बनने का ही था और उस लक्ष्य के लिए मैंने अपनी माँ के सपने की तिलांजलि दे दी।

Kissa-A-IAS: Beauty with Brain का अद्भुत संगम

लेकिन, आज वे खुश हैं कि मैंने दोनों ही क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाई! आज ऐश्वर्या सबके लिए रोल मॉडल हैं। यहाँ तक कि ‘फेमिना मिस इंडिया’ की टीम ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐश्वर्या को बधाई देते हुए लिखा ‘ऐश्वर्या श्योराण, फेमिना मिस इंडिया 2016 की फाइनलिस्ट, कैंपस प्रिंसेस दिल्ली 2016, फ्रेश फेस विनर दिल्ली 2015 ने हमें बहुत गर्व महसूस कराया है। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 93वीं रैंक पाई, इस उपलब्धि पर उन्हें बहुत बधाई!’

UPSC के इंटरव्यू में ऐश्वर्या से पूछा गया था कि यदि आप शिक्षा मंत्री होतीं, तो किस तरह की एजुकेशन पॉलिसी लातीं? इसके अलावा डिप्लोमेसी पर भी सवाल पूछे गए। उनका इंटरव्यू जब हुआ था उस वक़्त तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर थे। इंटरव्यू में उनसे खाप पंचायतों को लेकर भी सवाल पूछा गया था।

क्योंकि, ऐश्वर्या की मां हरियाणा से हैं और पिता राजस्थान से! ऐश्वर्या से पूछा गया था कि क्या आप मानती हैं कि आज के समय में खाप पंचायतों की प्रासंगिकता है! इस पर ऐश्वर्या का जवाब था ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें गैरकानूनी बताया है। सवाल यह है कि आख़िर खाप पंचायत होती क्या है? गांव के बुजुर्गों की एक मंडली।

एक ऐसा इन्स्टिट्यूट जो पितृसत्ता का हब की तरह काम करता है। औरतों के खिलाफ फैसले सुनाता है। लेकिन, अगर आज के समय में खाप पंचायतों को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखनी है तो उनकी स्ट्रेंथ को सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा। जैसे केंद्र सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान। इस अभियान को सफल बनाने में खाप पंचायतें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं!’

Also Read: Kissa-A-IAS: सवा 3 फीट की इस IAS की प्रशासनिक काबिलियत बनी मिसाल 

ऐश्वर्या की प्राथमिकता महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और हेल्थ है। उनका कहना है कि मैं जाट समुदाय से आती हूं। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं ये कम्युनिटी महिलाओं के डिसीजन मेकिंग में बराबर की भागीदारी न होने के लिए विख्यात है। मेरे पास सपोर्ट सिस्टम रहा! मेरे गांव वालों ने ‘मिस इंडिया’ के दौरान भी मेरा साथ दिया था। लेकिन, ये हर लड़की के साथ नहीं होता।

Author profile
Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।