Survival: केरल के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त डॉ विश्वास मेहता की पुस्तक अति जीवनम का लोकार्पण
तिरुअनंतपुरम से गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
तिरुअनंतपुरम: केरल के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को शाम राजभवन में राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व मुख्य सचिव दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर नगर के मूल निवासी डॉ विश्वास मेहता की मलयालम भाषा में लिखी पुस्तक अति जीवनम (सर्वाइवल) का लोकार्पण किया ।पुस्तक की भूमिका पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने लिखी हैं।
इस मौके पर डॉ आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि डॉ विश्वास मेहता ने अपनी कर्मभूमि को अपने प्रशासनिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभवों का एक बेशकीमती तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक केरल ही नही देश भर में अपना एक अलग ही स्थान बनायेगी । साथ ही सिविल सेवा में आने वाले युवाओं के लिए एक रिफरेंस बुक का काम करेंगी।
राज्यपाल खान ने सुझाव दिया कि पुस्तक अति जीवनम (सर्वाइवल) का हिंदी और अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाना इसकी सार्थकता को और अधिक बढाएगा।
राज्यपाल ने दक्षिण राजस्थान के सुदूर पिछड़े क्षेत्र डूंगरपुर में जन्मे डॉ विश्वास मेहता की जीवन यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके दादा नर्बदा शंकर मेहता के असामयिक निधन के वक्त उनकी दादी जानकी देवी मात्र 26 वर्ष और पिता डॉ प्रीतम कुमार मेहता मात्र 2 वर्ष के थे। उनकी दादीजी ने बहुत संघर्षों के मध्य पूरे परिवार का भरण पोषण कर उसे फर्श से अर्श से पहुंचाया। ऐसी पारिवारिक पृष्ठभूमि में डॉ विश्वास मेहता ने अपने परिवार के सपनो को पूरा कर पहले आईपीएस और फिर आईएएस बन कर दक्षिण भारत के केरल को अपना कर्म क्षेत्र बना कर सिविल सेवा में कई नवाचार किए तथा अभिनव आयाम स्थापित किए।
उन्होंने नई पीढ़ी का आह्वान किया कि जब देश में एक चाय वाला का बेटा नरेन्द्र मोदी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो कोई भी प्रतिभावान व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्य तय कर आगे बढ़ सकता है। खान ने संस्कृत के कई श्लोक और भारतीय संस्कृति के अनेक आख्यान देकर कहा कि हर व्यक्ति की सफ़लता की कुंजी इसमें ही अंतर्निहित है।
इस मौके पर डॉ विश्वास मेहता ने कहा कि यह किताब उनकी जीवन कथा नही है बल्कि उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का एक मर्म स्पर्शी अहसास है। साथ ही उन छोटे बड़े सभी लोगो से मिली प्रेरणा,सीख,सहयोग और अनुभव का निचोड़ भी है। पुस्तक में प्रशासनिक क्षेत्र की कई जटिलताओं को सरल बनाने और कानून एवं नियमों को आम लोगों के लिए सहज बनाने की कई प्रेरक कहानियों को भी शामिल कर सेवा के क्षेत्र में आने वाले युवाओं का पथ प्रदर्शक बनने का विनम्र प्रयास भी किया गया है।
समारोह में की नोट भाषण देते हुए केरल के मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने कहाकि डॉ विश्वास मेहता ने सांस्कृतिक पर्यटन में पीएचडी कर भी एक नया आयाम स्थापित किया। पूर्व मुख्य सचिव टॉम जोस ,पूर्व पुलिस महानिदेशक ऋषिराज सिंह,लोक नाथ बेहरा,मातृभूमि के मुख्य संपादक राजीव देवराजन, डॉ अश्विन शेखर आदि ने डॉ विश्वास मेहता की प्रशासनिक दक्षता, सूझबूझ,व्यावहारिक दृष्टि और लोक कल्याण के कार्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया। साथ ही बताया कि उन्होंने कोविड काल में जो कार्य किया उसे भुलाया नही जा सकता। साथ ही वायनाड जैसे इलाकों में वन्य जीवन से जुड़ी चुनातियों से निपटने और रेवेन्यू नियमों को सरल बनाने का अविस्मरणीय कार्य किया। उन्होंने लोगों की उनमें आस्था के कारण ही केरल के एक टी पार्क का नाम ही विश्वास रखे जाने का जिक्र करने के साथ ही उनकी गायन प्रतिभा का उल्लेख किया गया तथा बताया कि लोग उन्हें एक लोकप्रिय सिंगिंग सीएस भी कहते थे। आज भी लोगों में उनके गायन को सुनने का क्रेज बना हुआ है।
इस मौके पर पुस्तक की प्रस्तावना लिखने वाले और मेहता के प्रथम जिला कलक्टर रहें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डा सी वी आनंद बोस का संदेश पढ़ कर भी सुनाया गया।
राज्यपाल खान ने डॉ विश्वास मेहता को म्यूजिक फैन क्लब के नयन शाह द्वारा दिए गए स्मृति चिन्ह को भेट किया। साथ ही उन्हें और उनकी धर्म पत्नी प्रीति मेहता दोनों को उनके जन्म दिवस की बधाई भी दी। कार्यक्रम का संचालन केरल राज भवन के पीआओ एस प्रिंस ने कार्यक्रम का संचालन किया। समारोह में कई वरिष्ठ प्रशासनिक डॉ विश्वास मेहता के राजस्थान और दिल्ली सहित देश के अन्य भागों से आए परिजन, उनके मित्र गण आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।