CM Helpline: 5 बार से अधिक कार्यक्षेत्र से बाहर लिखा तो कलेक्टर के TL में शामिल होगी कम्प्लेन

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CM Helpline: 5 बार से अधिक कार्यक्षेत्र से बाहर लिखा तो कलेक्टर के TL में शामिल होगी कम्प्लेन

भोपाल: लोक शिकायतों का निराकरण करने के बजाय उसे कार्य क्षेत्र के बाहर (आउट आफ वर्किंग एरिया) बताकर शिकायतें क्लोज करने वाले अफसरों पर एक्शन की तैयारी राज्य शासन कर रहा है। इसके लिए सीएम हेल्पलाइन ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कार्यवाही के संकेत भी दे दिए हैं। इसके पहले कलेक्टरों को यह मौका दिया गया है कि वे इसकी जांच करा लें। इसके साथ ही ग्रेडिंग जारी होने के दो दिन पहले कम्प्लेन ओडब्ल्यूए करने पर भी रोक लागू रहेगी।

सीएम हेल्पलाइन की ओर से कलेक्टरों को भेजे पत्र में कहा गया है कि समीक्षा में यह बात सामने आई है कि कई अधिकारियों द्वारा शिकायतों को कार्यक्षेत्र से बाहर करने का काम किया जा रहा है और इसके जरिये पेंडेंसी कम की जा रही है। सीएम हेल्पलाइन द्वारा हर माह 20 तारीख को विभाग और जिला वार ग्रेडिंग जारी की जाती है। पोर्टल में जांच के बाद यह सामने आया है कि 19 और 20 तारीख को अफसरों द्वारा सबसे अधिक कम्प्लेन ओडब्ल्यूए दर्ज की जाती है। इसलिए अब 18 तारीख तक को ओडब्ल्यूए दर्ज किए जाने की स्थिति स्वीकार की जाएगी लेकिन 19 तारीख को जो मामले इस रूप में आएंगे उसे संबंधित जिले और विभाग की पेंडिंग कम्प्लेन में शामिल किया जाएगा। 19 व 20 तारीख को ओडब्ल्यूए कम्प्लेन की मैपिंग प्रतिबंदित रहेगी। कलेक्टरों से कहा गया है कि हर जिले की कार्यक्षेत्र से बाहर शिकायतों की मानीटरिंग सुविधा कलेक्टर एनालिटिक्स डैशबोर्ड अंतर्गत ओडब्ल्यूए डैशबोर्ड पर है। इसलिए कलेक्टर यह ध्यान रखें कि जिन कम्प्लेन को पांच बार से अधिक ओडब्ल्यूए (कार्यक्षेत्र से बाहर) किया गया है, उसे वे समय सीमा की समीक्षा बैठक में शामिल करें ताकि सही परीक्षण हो सके और निराकरण हो। ऐसे मामलों जबरन ओडब्ल्यूए करने वाले अफसरों पर एक्शन भी लिए जा सकेंगे।

कम्प्लेन कम करने अफसर अपनाते हैं तरीका
विभागों के अधिकारी अपनी ग्रेडिंग अच्छी बताने और कम्प्लेन नम्बर कम दिखाने के लिए अक्सर यह तरीका अपनाते हैं। इस मामले में भोपाल नगर निगम का एक मामला वेदवती बीडीए कालोनी से जुड़ा हुआ सामने आया है। यह कालोनी बीडीए ने बनाई है जिसे नगर निगम को हैंडओवर करने का काम डेढ़ साल से अधिक समय पहले हो चुका है। अब यहां सीवर संबंधी कम्प्लेन सीएम हेल्पलाइन में किए जाने पर नगर निगम के अफसर उसे कार्यक्षेत्र से बाहर बताकर कम्प्लेन क्लोज कर देते हैं। पिछले तीन माह से यह सिलसिला चल रहा है।