सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने की राजनीति में एंट्री, BJP ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी

1596
सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज

सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने की राजनीति में एंट्री, BJP ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी

पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को दिल्ली बीजेपी ने विधि प्रकोष्ठ का सह संयोजक नियुक्त किया है.

बता दें बांसुरी स्वराज सुषमा स्वराज की इकलौती बेटी हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया है. इसके बाद उन्होंने इनर टेम्पल से ला की डिग्री हासिल की है. वो अपने पिता स्वराज कौशल की तरह क्रिमिनल लॉयर हैं. बांसुरी पहली बार तब सुर्खियों में आए थी. जब ये खुलासा हुआ था कि वो IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की लीगल टीम का हिस्सा थी. जिसके बाद बांसुरी विवादों में आ गई थी. जिस पर दिवंगत नेता सुषमा स्वराज ने अपनी बेटी के बचाव में कहा था कि वो अपने प्रोफेशन और वह अपने काम के लिए आजाद हैं.

इसलिए बेटी का नाम रखा था बांसुरी

सुषमा स्वराज भगवान श्रीकृष्ण की परम भक्त थी. उनकी इच्छा थी कि वो कृष्ण की तरह अपने जीवन कई किरदारों को निभाएं. उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी काफी पसंद थी. इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का नाम ‘बांसुरी’ रख था.

BJP given important post to Sushma Swaraj daughter Bansuri now she will play big responsibility in party | Bansuri Swaraj: सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी को भाजपा ने दिया अहम पद, अब

Sushma Swaraj Daughter Bansuri | Sushma Swaraj Daughter : जानिए क्या करती हैं सुषमा स्वराज की इकलौती बेटी | Hari Bhoomi

दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थी सुषमा

भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता सुषमा ने हरियाणा से पॉलिटिक्स करियर की शुरुआत की थी. वो पहली भी 1977 में हरियाणा से विधायक बनी. 25 साल की उम्र में सरकार में में वे राज्य की श्रम मंत्री बनीं. इसके बाद सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. वहीं 1996 में वो दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं थी और वाजपेयी सरकार में 13 दिनों की सूचना प्रसारण मंत्री रही. उन्होंने 1975 में स्वराज कौशल से लव मैरिज किया था.स्वराज से उनकी मुलाकात पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई थी. हालांकि उनका परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं था. साल 2019 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.

भोपाल की जमीन पर उतरते ही नड्डा ने कहा ‘अबकी बार-200 पार’