निलंबित RTO शर्मा को हाईकोर्ट से राहत, उनके समय की पेंडिंग फाइलें प्रभारी RTO तिवारी के लिए ‘अछूत’, 2 हजार केस पेडिंग

- पांच दिन बाद भी प्रभारी RTO ने नहीं निपटार्इं पुरानी फाइलें, दो हजार केस पेडिंग

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Pensioners Welfare Association
Pensioners Welfare AssociationHigh Court Reprimanded IAS Sachin Sinha

निलंबित RTO शर्मा को हाईकोर्ट से राहत, उनके समय की पेंडिंग फाइलें प्रभारी RTO तिवारी के लिए ‘अछूत’, 2 हजार केस पेंडिंग

भोपाल:  राजधानी के बाणगंगा चौराहे पर हुए हादसे के बाद लापरवाही के चलते भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद करीब छह दिन पहले शासन ने सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी को भोपाल का नया प्रभारी आरटीओ पदस्थ किया। उन्होंने ज्वाइंन किया और उनकी नई आईडी भी बन गई। लेकिन निलंबित आरटीओ जितेंद्र शर्मा के समय की करीब दो हजार से अधिक फाइलें अब भी पेंडिंग है। सूत्रों की मानें तो प्रभारी आरटीओ सोमवार के बाद सारे काम कर रहे हैं, लेकिन पुरानी पेंडेंसी को निपटाने के लिए अब तक उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे में करीब सात दिनों से फीस जमा करने के बाद सारी प्रक्रिया करने के बाद वाहन और वाहन चालक सड़क पर वाहन चला रहे हैं। ऐसे में यदि कोई एक्सीडेंट या हादसा हो गया, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।

बाबू से फाइलें अप्रूव, लेकिन आरटीओ स्तर पर पेंडिंग

भोपाल में सैकड़ों फाइलें ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कामों की फाइलें पेंडिंग हैं। दरअसल, अचानक बाणगंगा चौराहे पर हुए हादसे के कारण आरटीओ शर्मा को निलंबित किया गया था। इस दौरान सैकड़ों फाइलें बाबू स्तर पर अप्रूव हो गई थी, जिन पर अंतिम मोहर आरटीओ की लगनी थी, लेकिन शर्मा के हटने के कारण यह काम पेंडिंग रह गया। इसी तरह, बीते सात दिनों में सैकड़ों आवेदन ऑनलाइन एप्लाई होने के बाद फिर से अप्रूव होकर आरटीओ के साइन यानि डिजिटल हस्ताक्षर के लिए पहुंच चुकी हैं, लेकिन प्रभारी आरटीओ इन्हें अप्रूव नहीं कर रहे हैं, जिससे यह काम पेंडिंग पड़े हैं। इस संबंध में प्रभारी आरटीओ रितेश तिवारी से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

एक सप्ताह काम रहा प्रभावित, अब भी परेशानी

बाणगंगा हादसे के बाद भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित करने के बाद करीब तीन दिन तक भोपाल आरटीओ में किसी को प्रभार नहीं दिया गया था। ऐसे में साइनिंग अथॉरिटी आरटीओ होने के कारण परमानेंट लाइसेंस में हस्ताक्षर नहीं होने के कारण करीब पांच दर्जन से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज स्वत: ही निरस्त हो गए थे। ऐसे में अब इन आवेदकों को दोबारा फिर से अतिरिक्त यानी दोबारा फीस भरकर आवेदन करना होगा। फिर बाद में प्रभारी आरटीओ की पोस्टिंग और फिर उनकी नई आईडी बनने में समय लगने के कारण करीब सात दिन काम प्रभावित रहा।

रोजाना 500 से ज्यादा आते हैं आवेदन 

राजधानी में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के रोजाना 500 से अधिक आवेदन आते हैं। इसी तरह, नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन, वाहनों के परमिट, वाहनों के ट्रांसफर, वाहनों के लोन कटना सहित अन्य काम आरटीओ स्तर पर होने वाले पेंडिंग हो रहे हैं, जिससे आवेदक परेशान हो रहे हैं।

निलंबित आरटीओ शर्मा को हाईकोर्ट से मिली राहत 

भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर स्कूल बस हादसे में निलंबित आरटीओ जितेंद्र शर्मा को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। उनके निलंबन आदेश पर कोर्ट ने रोक लगाई है। जस्टिस विशाम मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के बाद फैसला दिया है कि आरटीओ जितेंद्र शर्मा को पूर्व पद पर बहाल किया जाए। दस्तावेजों की जांच से साफ हुआ है कि बस को परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट आरटीओ शर्मा ने नहीं दिया है। यह सभी दस्तावेज पूर्व आरटीओ संजय तिवारी ने जारी किए थे। दस्तावेज जारी करने में आरटीओ शर्मा की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। ऐसे में प्रथम दृष्टया इस मामले में आरटीओ जितेंद्र शर्मा को दोषी नहीं माना जा सकता है।