New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी’ और ‘कायाकल्प एवं शहरी सुधार’ के लिए ‘अटल मिशन’ के दूसरे चरण की शुरुआत की। PM ने इंदौर का उल्लेख करते हुए यहां कि स्वच्छता की तारीफ की।
Swachh Bharat Mission-02 लांच करते हुए उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी की प्रेरणा से अभियान लाए हैं। इसका उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त करना और सीवेज और सेफ्टी मैनेजमेंट है। साथ ही हर शहर तक साफ पानी पहुंचाना भी इस लक्ष्य में शामिल है।
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने शहर को साफ रखने की मुहिम में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। Indore (इंदौर) इस दिशा में एक मिसाल है, दूसरे शहर इंदौर से प्रेरणा ले रहे हैं। नदियों को सुरक्षित रखना भी इस मिशन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जो लोग इंदौर से जुड़े हैं या इस कार्यक्रम को देख रहे हैं, वे लोग इंदौर को अच्छी तरह जानते हैं। आज Indore को आज देश के साथ ही दुनिया में उसे अपनी सफाई के लिए जानते हैं। Indore स्वच्छता में नंबर वन शहर है। यहां के लोगों ने यह तमगा समग्र प्रयासों से ही हासिल किया है। दूसरे शहर Indore का अनुसरण करते हुए अपने शहर और देश को स्वच्छ बना सकते हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में Indore लगातार चार बार नंबर वन रहा है।
स्ट्रीट वेंडर्स को लोन
PM नरेंद्र मोदी ने MP का भी उल्लेख किया और कहा कि Street Vendors (स्ट्रीट वेंडर्स) को सबसे ज्यादा लोन MP में ही दिया गया। मैं सभी प्रदेशों से आग्रह करता हूं कि वे भी इस दिशा में आगे आए और इस योजना को गति दें। समाज के इन लोगों की स्थिति सुधारने के लिए भी सभी प्रदेशों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना चाहिए। इससे इन स्ट्रीट वेंडरों की स्थिति में भी सुधार आएगा।
वेस्ट प्रोसेस
इस कार्यक्रम के दौरान PM ने कहा कि आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन Waste Process (वेस्ट प्रोसेस) कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20% से भी कम प्रोसेस होता था। आज हम करीब 70% वेस्ट रोज प्रोसेस कर रहे हैं। इसे जल्दी ही 100% तक लेकर जाना है। 2014 के पहले के सात वर्षों की बात करें, तो शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब सवा लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित था। हमारी सरकार के सात वर्षों में शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया।
प्रधानमंत्री देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अगस्त के महीने में ही देश ने नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रेपेज पॉलिसी लांच की है ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, वेस्ट टू वेल्थ के अभियान को, सर्कुलर इकोनॉमी को और मजबूती देती है। ये पालिसी देश के शहरों से प्रदूषण कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। इसका सिद्धांत है- रियूज, रिसाइकल और रिकवरी। सरकार ने सड़कों के निर्माण में भी वेस्ट के उपयोग पर बहुत ज्यादा जोर दिया है।