शिकायतों के निराकरण के लिए हर दिन 10 शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात करें

कमिश्नर दीपक सिंह के संभागीय अधिकारियों को निर्देश

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ग्वालियर: सीएम हैल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने वाले कम से कम 10 शिकायतकर्ताओं से सभी विभागों के संभागीय अधिकारी हर रोज फोन पर बात करें। साथ ही उनकी संतुष्टि के साथ समस्याओं का निराकरण कराएँ। इस आशय के निर्देश संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह ने संभाग स्तरीय अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने एल-1 व एल-2 स्तर पर सीएम हैल्पलाइन शिकायत अटेण्ड न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश सभी संभागीय अधिकारियों को दिए।

बुधवार को यहाँ नवीन राजस्व भवन में आयोजित बैठक में संभाग आयुक्त श्री सिंह ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव की मॉनीटरिंग वाले पत्रों के निराकरण में ढ़िलाई बरतने वाले अधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। संभाग आयुक्त ने कहा सीएम एवं सीएस मॉनीटरिंग से संबंधित पत्रों सहित विभिन्न आयोगों से प्राप्त प्रकरणों का तेजी से निराकरण करें। इसमें किसी भी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

संभाग आयुक्त ने ग्वालियर व चंबल संभाग के सभी जिलों में मंजूर हुए सभी 64 संजीवनी क्लीनिक को जल्द से जल्द शुरू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा नगरीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर संजीवनी क्लीनिक का काम कराएँ। यदि किसी जिले में संजीवनी क्लीनिक के भवन के लिये जमीन मिलने में दिक्कत हो तो वहाँ के जिला कलेक्टर से संपर्क कर इसका निराकरण कराएँ। श्री सिंह ने लंपी वायरस की रोकथाम, छात्रवृत्ति वितरण, न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण व सीएम राईज स्कूल सहित सरकार की प्राथमिकता वाले अन्य कार्यक्रमों की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के आवेदनों का 25 अक्टूबर तक करें निराकरण

संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बैठक में जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत प्राप्त हुए सभी आवेदनों का निराकरण 25 अक्टूबर तक सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा अभियान के लिए निर्धारित 33 योजनाओं के लाभ से कोई भी पात्र परिवार शेष नहीं रहना चाहिए।

अमृत सरोवरों में स्व-सहायता समूहों के जरिए कराएँ मत्स्य पालन

संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह ने मत्स्य पालन एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार द्वारा सभी जिलों में बनवाए गए बड़े-बड़े अमृत सरोवरों का उपयोग मत्स्य पालन के लिए करें। उन्होंने स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मत्स्य पालन कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।