Tampering with Service Book : नौकरी पेशा कर्मचारी के साथ धोखाधड़ी, विधुर कर्मचारी की सर्विस बुक में हेराफेरी करवा कर बन गई पत्नी!

छोटे भाई की पत्नी ने ही जेठ के साथ यह कारनामा करने की कोशिश की!

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Tampering with Service Book : नौकरी पेशा कर्मचारी के साथ धोखाधड़ी, विधुर कर्मचारी की सर्विस बुक में हेराफेरी करवा कर बन गई पत्नी!

मीडियावाला’ के स्टेट हेड विक्रम सेन से जानिए सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ी के हर पहलू को!

 

Mainpuri : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के राजा का बाग निवासी राजवीर सिंह मूलतः फिरोजाबाद के खेरिया मूसाहत गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी सुषमा देवी का निधन 15 जून 1998 को हो गया था। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। विधुर राजवीर सिंह तब आश्चर्यचकित तब रह गए, जब उन्हें कुटुंब न्यायालय से एक नोटिस प्राप्त हुआ। इसके अनुसार, उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का मुकदमा दर्ज कराया है।

बीएसए कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजवीर सिंह ने नोटिस अनुसार तारीख पर कुटुंब न्यायालय जाकर कथित प्रकरण को देखा तो पता चला कि उनकी पत्नी के रूप में मिसला देवी का नाम दर्ज है। मिसला देवी ने उन्हें अपना पति साबित करने के लिए फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड, मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज भी बनवाए हैं। धोखाधड़ी से जुड़े इस मामले में राजवीर सिंह का दुःख इसलिए भी बढ़ गया कि कथित मिसला देवी उनके छोटे भाई रामवीर की पत्नी मिसला देवी निवासी टिमनपुर, थाना कुरावली हैं।

राजवीर सिंह ने थाने गए, पर वहां सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने न्यायालय जाकर मामला दर्ज कराया कि मिसला देवी ने बीएसए कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से उनकी सर्विस बुक में पत्नी के स्थान पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। राजवीर का दावा है कि ये सभी फर्जी दस्तावेज उनसे धन वसूली के लिए बनाए गए। मिसला देवी पहले कस्तूरबा आवासीय विद्यालय भोगांव में हेड रसोइया के तौर पर कार्यरत रह चुकी हैं, वहां के दस्तावेजों में भी उनके पति का नाम रामवीर ही दर्ज है।

इस घटनाक्रम में मिली जानकारी अनुसार राजवीर ने पुलिस को आवेदन में बताया कि 10 अप्रैल 2025 को जब वे केस की तारीख पर जा रहे थे, तब विकास भवन के पास मिसला देवी और 4-5 अन्य लोगों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने राजवीर पर सर्विस बुक से नाम न हटवाने और कानूनी कार्रवाई न करने का दबाव डाला। विरोध करने पर गाली गलौज और मारपीट करते हुए झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी गई। इस आवेदन पत्र पर थाने में मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।

 

सर्विस बुक में पत्नी का नाम होने से यह लाभ

अगर पति अपने सर्विस रिकॉर्ड (गवर्नमेंट) में अपने बीवी बच्चों का नाम जानबूझकर नहीं दर्ज करवाता और अपना मेरिटल स्टेटस भी छुपाता है, तो पति के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है। जब कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवा में नियुक्त होता है तो उसे एक प्रमाण पत्र देना होता है, कि वह विवाहित/अविवाहित है और उसकी एक से अधिक जीवित पत्नी /पति नहीं हैं। सेवा में नियुक्ति के बाद उसकी सेवा पुस्तिका बनाई जाती है जिसमें उसे अपने परिवार के सदस्यों (नाम, संबंध, आयु, पता) के बारे में भरना होता है। यह रिकॉर्ड उसके सेवा रिकॉर्ड के लिए रखा जाता है।

उसके भविष्य निधि प्रयोजन के लिए एक जीपीएफ पासबुक तैयार की जाती है और उस पासबुक में भी उन्हें परिवार के सदस्यों के नाम और अन्य विवरण भरने होते हैं। ताकि सेवानिवृत्ति से पहले उनकी मृत्यु के बाद उनकी निधि राशि दी जा सकती है। इस विवरण में निधि राशि का प्रतिशत हिस्सा भी लिखा होता है। हर पांच साल में कर्मचारी पासबुक के विवरण देखने के सत्यापन के लिए इस पुस्तक पर हस्ताक्षर करता है।

यदि कर्मचारी ने अपने परिवार का विवरण नहीं लिखा और विभाग से पत्नी के नाम और अपनी वैवाहिक स्थिति छिपाना चाहता है तब विभाग स्वत: कोई कार्रवाई नहीं करेगा। पत्नी को कर्मचारी के नियुक्ति प्राधिकारी को एक आवेदन देना होगा कि वह कर्मचारी की पत्नी है। इस तथ्य को छिपाकर कर्मचारी द्वारा पारिवारिक पेंशन, निधि आदि में उसके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

नियुक्त प्राधिकारी अधिकारी कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगेगा और कर्मचारी जो भी स्पष्टीकरण देगा विभाग इससे सहमत होगा। यदि कर्मचारी अभी भी कहता है कि उसकी कोई पत्नी नहीं है या वह उस महिला को अपनी पत्नी होने से इनकार करता है, तो विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है और न ही करेगा। अब कर्मचारी की पेंशन, निधि, वेतन आदि में अपना हक मांगने के लिए महिला को कोर्ट जाना पड़ता है। अदालत के आदेश के बाद ही विभाग कर्मचारी के खिलाफ या उसके वेतन, पेंशन, निधि आदि के बारे में कोई कार्रवाई कर सकता है। सर्विस बुक में पत्नी का नाम दर्ज होने से पत्नी को कुछ विशेष वित्तीय लाभ प्राप्त होते हैं, खासकर मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन और आश्रित नौकरी के रूप में। यह जानकारी और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोगी है।

 

इस मामले से जुड़ी कुछ खास जानकारियां

● पारिवारिक पेंशन

अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो सर्विस बुक में पत्नी का नाम दर्ज होने से पारिवारिक पेंशन पाने में मदद मिलती है। पारिवारिक पेंशन विधवा पत्नी को जीवनभर मिलती है, यदि वह पुनः शादी नहीं करती।

 

● आश्रित नौकरी

कुछ मामलों में कर्मचारी की मृत्यु के बाद, पत्नी को आश्रित कोटा के तहत सरकारी नौकरी मिल सकती है, यदि वह मृतक पर निर्भर हो।

 

● जानकारी और प्रशासनिक उद्देश्य

सर्विस बुक में पत्नी का नाम दर्ज होने से सरकारी योजनाओं, बीमा और अन्य लाभों के लिए जानकारी आसानी से उपलब्ध होती है।

 

● विवादास्पद स्थिति

कुछ मामलों में पत्नी को पति के वेतन और अन्य जानकारी तक पहुंचने का अधिकार होता है। खासकर यदि विवाद की स्थिति है।

 

● अन्य लाभ

सर्विस बुक में पत्नी का नाम दर्ज होने से कुछ अन्य सरकारी योजनाओं या लाभों के लिए भी पत्नी पात्र हो सकती है।