Tantya Bhil : पातालपानी में मंदिर को स्मारक बनाया जाएगा

- 12 फीट की टंट्या भील की प्रतिमा लगेगी, 16 साल बाद मांग पूरी हुई

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Indore : आदिवासियों के आराध्य देव के रूप में पूजे जाने वाले टंट्या भील के पातालपानी स्थित मंदिर को राज्य सरकार स्मारक में तब्दील करेगी। 16 साल से आदिवासी इसकी मांग कर रहे थे, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने 4 दिसंबर के दौरे में पूरी करेंगे। यहां 12 फ़ीट की कांस्य निर्मित प्रतिमा लगाई जाएगी। मंदिर की वर्षों पुरानी मूर्ति भंवरकुआं चौराहे पर रोटरी में भी लगाई जाएगी।

आदिवासी नेता रामकरण भाभर जब जिला पंचायत के सदस्य थे, तब उन्होंने वर्ष 2005 में सीएम से यहां स्मारक की मांग की थी। स्मारक को लेकर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था। इसके बाद कई बार मुख्यमंत्री ने महू का दौरा किया, लेकिन आश्वासन पूरा नहीं किया। महू तहसील में 20 से अधिक आदिवासी गांव हैं। हर साल 4 दिसम्बर को पातालपानी में तहसील के आदिवासी यहां जुटते हैं और टंट्या भील के मंदिर पर पूजा अर्चना कर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

टंट्या भील का मंदिर पर्यटन स्थल पातालपानी पर है। कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के चलते वहां एक साल से कोई आयोजन नहीं हो पाए। आदिवासी वर्चुअली कार्यक्रम करने लगे थे। पातालपानी रेलवे स्टेशन से खंडवा की और जाने वाले ट्रेन मंदिर पर नारियल चढ़ाने रुकती है। दंतकथा है कि रेल का चालक जब तक टंट्या भील की मूर्ति को सलामी नहीं देता, ट्रेन आगे नहीं बढ़ती।

अन्य व्यवस्था
4 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए पातालपानी पर हेलीपैड बनाने के साथ अन्य व्यवस्था जुटाई जा रही है। व्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने पूरे स्थान का दौरा किया। महू के आगे कोदरिया और ग्राम पंचायत चौरड़िया मार्ग पर डामरीकरण किया जा रहा है। इस आदिवासी संगम को भव्य बनाने का जिम्मा स्थानीय भाजपा नेताओं को सौंपा गया है। महू से पातालपानी तक करीब 7 किलोमीटर मार्ग को सजाया जाएगा।

महू तहसील के साथ कार्यक्रम स्थल पर धार, झाबुआ, बड़वानी आदि आदिवासी बाहुल्य जिले से आदिवासियों को लाने के लिए 200 बसों की व्यवस्था की जाएगी। बसों के अधिग्रहण के लिए RTO ने शुक्रवार को बस मालिकों को नोटिस जारी कर दिया है।