नाबालिग छात्राओं से अश्लील हरकतें व अभद्रता करने की शिकायत पर शिक्षक शिव बाबू मिश्रा हुए सस्पेंड
*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट*
नर्मदापुरम। जिले के ग्राम पवारखेड़ा में जनजातीय कार्य विभाग के कन्या शिक्षा परिसर में 10 वीं कक्षा की एक आदिवासी छात्रा से बेडटच का मामला सामने आया है। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक ने ही यह गंदी हरकत की। इस मामले में शिक्षक शिव बाबू मिश्रा को घटना के 11 दिन बाद आज शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया गया। मामले में शिकायत के बाद पहले तो जनजाति कार्य विभाग दफ्तर ने शिक्षक पर आपराधिक कार्रवाई करने की जगह उसका तबादला कर उदासीनता का परिचय दिया। 7 जनवरी की इस शिकायत पर कार्यवाही में तेजी तब आई जब प्राचार्य द्वारा सहायक आयुक्त को भेजी शिकायत की प्रतिलिपि संभागीय उपायुक्त को प्राप्त हुई I हालांकि सार्वजनिक रूप से घटना के 11 दिन बाद यह मामला उजागर हुआ।
जब गुरुवार को जनजातीय विभाग ने अचानक शिक्षक के निलंबन का प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के माध्यम से आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को भेजा । लेकिन माध्यमिक शिक्षक शिव बाबू मिश्रा के खिलाफ आपराध दर्ज नहीं कराया गया। इस गंभीर मामले में विभाग की लापरवाही भी सामने आई। सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा प्रकरण में समय पर रिपोर्ट नहीं दी गई। इस लापरवाही को देखते हुए जिले के प्रभारी, सहायक आयुक्त पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। शुक्रवार को शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया। ज्ञात रहे कि संभागीय स्तर के पवारखेड़ा कन्या शिक्षा परिसर में करीब 481 छात्राएं अध्ययनरत है।
परिसर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। 10 वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ यहां पदस्थ माध्यमिक शिक्षक शिव बाबू मिश्रा ने अभद्र व्यवहार किया। घटना 7 जनवरी की बताई जा रही है। पीड़ित छात्रा की शिकायत के बाद शिक्षा परिसर पहुंचे जांच दल ने मामले में छात्रा के साथ परिसर में रहने वाली अन्य 40 छात्राओं के भी बयान लिए। जिसमें आरोपी शिक्षक की करतूतों की पुष्टि हुई। इसके बाद जांच दल ने अपनी रिपोर्ट सहायक आयुक्त को भेजी। संभागीय उपायुक्त ने आरोपी शिक्षक को तत्काल पवारखेड़ा कन्या शिक्षा परिसर से हटाकर केसला ब्लाक में अटैच कर दिया गया। ताकि वह मामले को प्रभावित न कर सके। लेकिन इतने गंभीर मामले में अभी तक आरोपी शिक्षक पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
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बताया जाता है कि आदिवासी बच्ची पर आरोपी शिक्षक शाला में अश्लील कमेंट्स भी करता था। असुरक्षा के वातावरण में रह रही वह आदिवासी बच्ची इतनी डरी हुई थी कि इसका विरोध नहीं कर सकी। जिससे आरोपी शिक्षक की हिम्मत और बढ़ गई और उसने छात्रा के साथ फिर अभद्र व्यवहार किया। स्कूल के प्राचार्य उपेंद्र सिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया कि हमें बेडटच की शिकायत मिली थी। उच्च स्तरीय जांच दल ने जांच की।
जिसमें शिक्षक द्वारा की गई हरकत का सही होना पाया गया। तब शिक्षक का तबादला दूसरी जगह कर दिया गया। उपायुक्त जे पी यादव ने मीडियावाला को बताया कि शिक्षक की यह हरकत शर्मनाक है। मामले की पुष्टि होते ही हमने पहले तो उसे तत्काल वहां से हटाकर दूसरी जगह भेजा और फिर उसके निलंबन का प्रस्ताव बनाकर आयुक्त को कल गुरुवार को भेज दिया। आज शुक्रवार को उसे सस्पेंड भी कर किया गया। छात्रा नाबालिग है, इसलिए शिक्षक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण स्कूल प्राचार्य या उसके माता-पिता को कराना चाहिए। मैने गुरुवार को ही सहायक आयुक्त की इस लापरवाही के साथ ही अन्य कार्यों में भी उनकी उदासीनता की कार्यशैली पर भी एक रिपोर्ट विभाग के उच्च स्तर पर और कलेक्टर नर्मदापुरम को भेज दी थी। वहीं कलेक्टर सोनिया मीना ने बताया कि सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा उक्त प्रकरण में रिपोर्ट देने पर देरी की गई।
इसलिए सहायक आयुक्त पर भी कार्रवाई के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। कन्या शिक्षा परिसर के प्रकरण की पूरे मामले की विस्तृत जांच डिप्टी कलेक्टर, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला अधिकारियों द्वारा कराईं गई। उनकी रिपोर्ट से भी मामले की पुष्टि हुई है। कन्या शिक्षा परिसर पवारखेडा में पदस्थ परीक्षा प्रभारी शिव बाबू मिश्रा (मूल पद उच्च माध्यमिक शिक्षक) के द्वारा विद्यालय की छात्राओं से अश्लील हरकतें एवं अभद्रता किए जाने की शिकायत पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। कलेक्टर नर्मदापुरम सोनिया मीना की रिपोर्ट पर आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा निलंबन की यह कार्यवाही की गई। वहीं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी अधिकृत बयान में कहा गया है कि कन्या शिक्षा परिसर पवारखेडा में पदस्थ परीक्षा प्रभारी शिवबाबू मिश्रा (मूल पद उच्च माध्यमिक शिक्षक) के द्वारा विद्यालय की छात्राओं से अश्लील हरकते एवं अभद्रता किये जाने की शिकायत पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। कलेक्टर नर्मदापुरम सुश्री सोनिया मीना की रिपोर्ट पर आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई। कलेक्टर सुश्री मीना के निर्देशानुसार शिकायत की जांच महिलाओं की तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई। समिति में डिप्टी कलेक्टर ,शिक्षा विभाग तथा महिला एव बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी शामिल रहें। समिति की जांच में शिकायत सही पाई गई।
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उक्त कृत्य के लिए म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के तहत शिक्षक शिव बाबू मिश्रा को दोषी पाते हुए म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) के प्रावधान के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य, जिला नर्मदापुरम निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण में रिपोर्ट देरी से प्रस्तुत करने पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग नर्मदापुरम के विरुद्ध भी कार्यवाही के लिए प्रस्ताव भेजा गया हैं। उपयुक्त जे पी यादव ने आज संभाग के सभी अधिकारियों को भी एक विशेष निर्देश पत्र भी जारी किया है जिसमें भविष्य में सभी स्कूलों, छात्रावासों के शिक्षकों,कर्मचारियों के आचरण,व्यवहार पर निगरानी रखने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।