Teak Smuggler Caught : सागवान तस्करों पर वन विभाग का की कार्रवाई, 8 ट्रक लकड़ी पकड़ी!

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Teak Smuggler Caught : सागवान तस्करों पर वन विभाग का की कार्रवाई, 8 ट्रक लकड़ी पकड़ी!

DFO ने 8 ट्रक जब्ती की जानकारी दी, SDO फारेस्ट ने कहा 85 लकड़ी पकड़ाई!

इंदौर से वरिष्ठ पत्रकार गोविंद राठौर की रिपोर्ट

Indore : मुख्य वन संरक्षक के निर्देश पर धार वन मंडल क्षेत्र के मनावर इलाके में बड़ी मात्रा में अवैध सागवान की तस्करी का खुलासा हुआ। वन विभाग की कार्रवाई में 8 ट्रक सागवान लकड़ी और आरा मशीन जब्त की गई। यह कार्रवाई वन माफियाओं के बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कारोबार पर गहरा प्रहार मानी जा रही है। लेकिन, वन विभाग में दो अधिकारियों के बयानों में विरोधाभास से पता चलता है कि लकड़ी तस्करों से वन विभाग के कुछ अफसर गहरे तक मिले हुए हैं।

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जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अशोक सोलंकी ने कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धार जिले के वन क्षेत्रों में अवैध रूप से कटाई और तस्करी की रोकथाम के तहत छापामारी की गई। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के दौरान 8 ट्रक लकड़ी और इस तस्कर कारोबार से जुड़ी एक आरा मशीन को जब्त किया गया। मामले की आगे जांच चल रही है। इसमें जुड़े माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जबकि, सरदारपुर के उप वन अधिकारी (डीएफओ-वन) संतोष रणछोर ने भी इस मामले पर गोलमाल जानकारी दी। उनका कहना था कि हमने गोदाम से 85 नग सागवान की लकड़ी जब्त की है। यह जांच का हिस्सा है, और इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी। आश्चर्य इस बात का कि डीएफओ ने 8 ट्रक जब्ती की जानकारी दी और एसडीओ (वन) ने उसे 85 नग लकड़ी बताया।

अवैध कारोबार की सांठगांठ का पर्दाफाश

जानकार सूत्रों के मुताबिक, धार वन मंडल क्षेत्र में लंबे समय से वन माफियाओं और आरा मशीन संचालकों के बीच अवैध सांठगांठ चल रही है। कीमती सागवान लकड़ी की तस्करी करके इन्हें आरा मशीनों पर इसे काटा जा रहा था। इसके बाद इसे अन्य क्षेत्रों में बेचने की योजना बनाई जाती। इस मामले का खुलासा करने के लिए वन विभाग ने स्थानीय स्तर पर गोपनीय जानकारी के आधार पर यह छापेमारी की।

जानकारों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी का एकत्रित होना एक दिन या एक महीने का काम नहीं है। धार जिले में डीएफओ का उड़नदस्ता और इंदौर के वृत्त स्तर पर सीसीएफ का उड़नदस्ता लगातार निगरानी रखता है, फिर भी इतनी बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी बिना विभाग की जानकारी के संचालित हो रही थी। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या विभागीय साठगांठ भी इस तस्करी में शामिल हो सकती है?

वन क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल

सबसे चिंताजनक सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में सागवान की लकड़ी आखिर किस वन क्षेत्र से अवैध रूप से काटकर लाई गई? धार वन मंडल क्षेत्र के कई वन क्षेत्र सागवान की लकड़ी के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन इस तरह की अवैध कटाई वन क्षेत्र की सुरक्षा पर गहरे सवाल उठाती है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। लकड़ी तस्करी से जुड़े लोगों की शिनाख्त कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि इस अवैध कारोबार में शामिल आरा मशीन संचालकों और अन्य लोगों पर भी कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।

प्राकृतिक संसाधनों का दोहन

यह मामला दर्शाता है कि वन माफिया किस तरह से प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं। बहुमूल्य सागवान की तस्करी एक गंभीर अपराध है जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि देश की वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करें और वन माफियाओं की सांठगांठ को जड़ से उखाड़ फेंके। वन माफियाओं के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से जहां वन विभाग की तत्परता सामने आई है, वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्कता और सख्त निगरानी की जरूरत है।