अब पूरी हो गई टीम भाजपा…

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अब पूरी हो गई टीम भाजपा…

मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की कल्पना तब तक नहीं की जा सकती, जब तक पार्टी का दिग्गज चेहरा नरेंद्र सिंह तोमर नजर न आए। इक्कीसवीं सदी में मध्यप्रदेश के करीब सभी विधानसभा चुनाव इसके साक्षी हैं। 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में तो प्रत्यक्ष तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बतौर प्रभावी भूमिका में रहे थे। वहीं 2018 विधानसभा चुनाव के समय केंद्रीय मंत्री होने के चलते उन्होंने प्रदेश संगठन में सीधे तौर पर अध्यक्ष पद न संभालकर परोक्ष तौर पर प्रभावी भूमिका निभाई थी और विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश को पूरा समय‌ दिया था। अब 2023 विधानसभा चुनाव में लगातार उनके मध्यप्रदेश आने की चर्चा जोरों पर थी। केंद्रीय नेतृत्व ने आखिरकार तोमर को सीधी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में मध्यप्रदेश चुनाव में प्रभावी एक दर्जन चेहरों से मैराथन बैठक कर मिशन 2023 की सफलता पर चिंतन किया था। इस बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल थे। प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भी शामिल हुए थे।
यह दोनों महत्वपूर्ण नियुक्तियां भी जुलाई के पहले सप्ताह में हुईं थीं और उसके चार दिन बाद 11 जुलाई को अमित शाह ने भोपाल पहुंचकर चुनिंदा दिग्गजों संग विधानसभा चुनाव में विजय की रणनीति पर चर्चा की थी। तब तोमर की विधानसभा चुनाव में भूमिका पर भी चर्चा हुई होगी और चार दिन बाद ही तोमर को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक का बड़ा दायित्व सौंप दिया है। अब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले चेहरों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, शिवप्रकाश, अजय जामवाल, हितानंद शर्मा के साथ भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम शामिल हो गया है। इनके अलावा कैलाश विजयवर्गीय एक ऐसा नाम बचा है, जिन्हें प्रभावी भूमिका में देखा जा रहा है और जो राष्ट्रीय महासचिव होने के चलते अपनी भूमिका के निर्वहन के लिए किसी पद के मोहताज नहीं हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी इनमें शुमार हैं। हालांकि औपचारिकता के लिए पार्टी तोमर की तरह विजयवर्गीय को भी सीधा दायित्व सौंप सकती है।
पिछले 25 साल में नरेन्द्र सिंह तोमर ने विधायक से यात्रा शुरू कर पार्टी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण चेहरों में खुद को शामिल किया है। यह उनकी कार्यशैली की कुशलता और क्षेत्रीय लोकप्रियता का प्रमाण है। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। 2014 से मोदी मंत्रिमंडल के कैबिनेट में रहकर उन्होंने महत्वपूर्ण विभाग संभाले हैं। वे वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में भारत के वर्तमान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं। राजनैतिक और सामान्य परिचय पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पोरसा विकासखंड के तहत आने वाले ग्राम ओरेठी में मुंशी सिंह तोमर के पुत्र नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म 12 जून 1957 को तोमर क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। वे इस दौरान महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। शिक्षा पूरी करने के बाद वे ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित हुए। इसके बाद वे पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय रहे। वे 1977 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बनाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नरेंद्र सिंह तोमर संगठनात्मक क्षमता के साथ ही प्रशासन पर मजबूत पकड़ और कुशल रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं।
बात करने की बजाए काम को तवज्जो देने वाले तोमर पहली बार प्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2009 में लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। वे इसके पहले प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे। तोमर 2014 में ग्वालियर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए, तो 2019 में फिर मुरैना संसदीय सीट से निर्वाचित हुए। वे युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहते हुए 1996 में युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए थे। तोमर पहली बार 1998 में ग्वालियर से विधायक निर्वाचित हुए और इसी क्षेत्र से वर्ष 2003 में दूसरी बार चुनाव जीता। इस दौरान वे सुश्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। उन्हें वर्ष 2008 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष, सोमनाथ चटर्जी ने उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सम्मानित किया था। तोमर वर्ष 2008 में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए और उसके बाद वे 15 जनवरी 2009 में निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए। बाद में वे पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री पद पर रहे। तोमर एक बार फिर 16 दिसम्बर 2012 को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए। तो 2023 विधानसभा चुनाव में अब प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।
तोमर के आने से प्रदेश भाजपा में खुशी की लहर है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को आगामी विधान सभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक की नियुक्ति के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार जताया है। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के वृहद संगठनात्मक अनुभव एवं कौशल, भाजपा सरकार की जनहितैषी नीतियों, संगठन तंत्र की शक्ति के आधार पर विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी 51 प्रतिशत वोट शेयर को प्राप्त करते हुए 200 पार के लक्ष्य को हासिल करेंगी। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सशक्त और जनकल्याणकारी सरकार पुनः बनेगी। तो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, केन्द्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेन्द्रसिंह तोमर 15 जुलाई को ही प्रदेश कार्यालय पहुंचे। तोमर का मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
वैसे देखा जाए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की जुगलबंदी मध्यप्रदेश की दो दशक की राजनीति की तस्वीर बन गई है। और अब तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद अब टीम भाजपा पूर्ण हो गई है। चार माह का समय बचा है, ऐसे में प्रदेश में चुनाव का प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। चुनाव प्रबंधन की सफलता ही विधानसभा चुनाव में सफलता का आधार बनेगी। तो टीम भाजपा संग चुनावी साल में इस परीक्षा में सफल होने की चुनौती का सामना अब नरेन्द्र सिंह तोमर करेंगे…।