महामुकाबले से पहले टीम इंडिया

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पर्थ: टी20 विश्व कप का आगाज हो चुका है। भारत समेत तमाम टीम विश्व कप के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत को विश्व कप में अपना पहला मुकाबला 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है। भारत ने अपना अंतिम टी20 विश्व कप 15 साल पहले 2007 में जीता था। तबसे भारत को इस कप का इंतजार है।

2007 में 20 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका में जब रोहित शर्मा ने अर्धशतक जड़ा था तब यह अंदाजा लग गया था कि इस खिलाड़ी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उस साल टी20 विश्व कप में भारतीय टीम की औसत आयु 26 साल थी और उन युवा खिलाड़ियों ने विश्व कप जीतकर क्रिकेट के मायने बदल दिए थे। इस विश्व कप से पहले तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस प्रारूप को अपनाने से कतरा रहा था लेकिन टी20 विश्व कप खिताब ने इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत की नींव रखी। टी20 विश्व कप के शुरुआती सत्र के 15 साल के बाद एक बार फिर से भारतीय टीम खेल के सबसे छोटे अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में विश्व विजेता बनने के मकसद से ऑस्ट्रेलिया पहुंची है। इस बार टीम की कमान हालांकि रोहित के पास है और इस टीम की औसत आयु 30 साल से ज्यादा है।

भारतीय टीम के 15 खिलाड़ियों का ब्यौरा 
रोहित शर्मा (कप्तान) : इंडियन प्रीमियर लीग का पांच खिताब जीतने वाले रोहित ने राष्ट्रीय स्तर की द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में भारतीय टीम को शानदार सफलता दिलाई है। शीर्ष क्रम में वह शानदार बल्लेबाज रहे हैं और कलात्मक तरीके से बड़े शॉट खेलने में उनका कोई जवाब नहीं।

केएल राहुल (उप कप्तान) : टी20 फॉर्मेट में सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक हैं। लेकिन मौजूदा समय में भारत के शीर्ष क्रम में सबसे कमजोर कड़ी। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के पसंदीदा खिलाड़ी केएल राहुल अक्सर अपने स्ट्राइक-रेट से जूझते रहे हैं। उनके पास इस खेल के सभी शॉट्स हैं लेकिन अहम मैचों में उनका बल्ला ज्यादातर खामोश ही रहा है। भारत के शुरुआती मैच में वह पाकिस्तान के प्रमुख तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी से कैसे निपटते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

विराट कोहली: कोहली किसी भी प्रतिद्वंद्वी टीम के लिए सबसे बड़ा खतरा बने रहेंगे। उनके लिए सबसे अच्छी बात यह है कि वह लय में आ गए हैं और एशिया कप के दौरान अपने पुराने रंग में दिखे। मैच की शुरुआती आठ-दस गेंदों के बाद उन्हें रोकना मुश्किल होगा।

सूर्यकुमार यादव: मैदान के हर क्षेत्र में शॉट खेलने की क्षमता उन्हें खास बनाती है। टी20 क्रिकेट में 176 का स्ट्राइक रेट उन्हें इस प्रारूप का सबसे खतरनाक खिलाड़ी बनाता है। उन्होंने 34 मैचों में नौ अर्धशतक और एक शतक लगाया है। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की मजबूत गेंदबाजी के खिलाफ उन्होंने सहजता से रन बनाए थे।

हार्दिक पंड्या: टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी की अहम कड़ी हैं। हार्दिक ऐसे हरफनमौला है जिसकी भारतीय टीम को हमेशा से जरूरत रही है। आक्रामक बल्लेबाजी के साथ बीच के ओवरों में तेज गेंदबाजी से उन पर कुछ विकेट निकालने की जिम्मेदारी होगी। वह टीम में फिनिशर की भूमिका भी निभाएंगे।

ऋषभ पंत: इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने टी20 इंटरनेशनल के 62 मैचों में 127 का स्ट्राइक-रेट से रन बनाए हैं। ऐसा स्ट्राइक रेट पंत की प्रतिभा के साथ मेल नहीं करता। उन्हें आक्रामक और संभल कर खेलने के बीच अक्सर भ्रम की स्थिति का नुकसान उठाना पड़ता है।

दिनेश कार्तिक: भारतीय क्रिकेट टीम के पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच को खेलने वाले कार्तिक प्रतिभा के मामले में पंत से काफी पीछे है लेकिन फिनिशर की भूमिका को शानदार तरीके से निभाने के कारण वह इस टीम के अहम सदस्य हैं।

रविचंद्रन अश्विन: खेल में नए तरीकों को ढूंढने के लिए पहचाने जाने वाले अश्विन इस फॉर्मेट में कई बार टीम से अंदर-बाहर होते रहे है। बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड के कारण वह पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम के खिलाफ अच्छा विकल्प होंगे।

अक्षर पटेल: रविन्द्र जडेजा की जगह टीम में आए अक्षर ने हाल के दिनों में शानदार गेंदबाजी की है लेकिन बल्लेबाजी और फील्डिंग के मामले में वह जडेजा जितने बेहतर नहीं है।

युजवेंद्र चहल: पिछले एक साल में चहल की गेंदबाजी में निरंतरता नहीं रही है। खराब लय में होने के कारण वह पिछले टी20 विश्व कप टीम से बाहर हो गए थे। लेकिन लय आने के बाद वह टीम में वापसी करने में सफल रहे। ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में कलाई के स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

भुवनेश्वर कुमार: इस में कोई संदेह नहीं की भुवनेश्वर कुमार एक शानदार गेंदबाज हैं। लेकिन पिछले कुछ मैचों में आखिरी ओवरों में उनकी गेंदबाजी लचर रही है लेकिन अनुभव के मामले में वह भारत के अन्य तेज गेंदबाजों से आगे हैं।

मोहम्मद शमी: जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के बाद मुख्य टीम में आए शमी ने पिछले टी20 विश्व कप के बाद कोई भी टी20 इंटरनेशनल मुकाबला नहीं खेला है लेकिन आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के अच्छे प्रदर्शन से वह राष्ट्रीय टीम (टी20) में वापसी करने में सफल रहे।

अर्शदीप सिंह: उन्हें ज्यादा अनुभवी नहीं है लेकिन वह आईपीएल में प्रभावित करने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सीमित मौके पर खुद को साबित करने में सफल रहे हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के कारण अर्शदीप भारतीय टीम में विविधता प्रदान करते हैं।