RTI की अवहेलना पर तेलंगाना हाईकोर्ट सख्त: 2 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को अवमानना नोटिस

79

RTI की अवहेलना पर तेलंगाना हाईकोर्ट सख्त: 2 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को अवमानना नोटिस

Hyderabad: प्रशासनिक जवाबदेही और सूचना के अधिकार की अनदेखी को लेकर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। एक आरटीआई प्रकरण में पूर्व में दिए गए स्पष्ट न्यायिक निर्देशों का पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई से नौकरशाही में हलचल है और यह संदेश भी गया है कि अदालत के आदेशों की अवहेलना किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।

▪️अधिकारियों को नोटिस

▫️हाईकोर्ट ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के पूर्व आयुक्त और वर्तमान परिवहन आयुक्त के. इलंबरिथी तथा जीएचएमसी के वर्तमान आयुक्त आर.वी. कर्णन को नोटिस जारी किया है। दोनों अधिकारियों से पूछा गया है कि न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए।

WhatsApp Image 2025 12 13 at 20.03.20

▪️पूरा मामला क्या है

▫️यह मामला सिकंदराबाद के रामगोपालपेट निवासी वद्दम श्याम द्वारा दायर आरटीआई आवेदन से जुड़ा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी जीएचएमसी ने उपलब्ध नहीं कराई। इस पर पहले दायर रिट याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने जीएचएमसी के आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी को निर्देश दिया था कि अदालत का आदेश प्राप्त होने के चार सप्ताह के भीतर आरटीआई आवेदन पर विधि अनुसार कार्रवाई कर उसका निपटारा किया जाए।

▪️आदेश के बाद भी नहीं मिली जानकारी

▫️याचिकाकर्ता के अनुसार, तत्कालीन आयुक्त द्वारा 24 नवंबर को आदेश पारित होने के बावजूद जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद अवमानना याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि 29 नवंबर को दिए गए निर्देशों का भी पालन नहीं हुआ, जिसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी करने का फैसला किया।

▪️अदालत का सख्त रुख

▫️अवमानना मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति नागेश भीमापका ने दोनों अधिकारियों को 9 जनवरी 2026 तक प्रति हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि तय समयसीमा में हलफनामा दाखिल नहीं करने पर उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा और रजिस्ट्रार न्यायिक को देय 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

▪️अगली सुनवाई में पेश होने के निर्देश

▫️हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई की तारीख 9 जनवरी 2026 को दोनों अधिकारी व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित रहें।

▪️प्रशासन के लिए कड़ा संदेश

▫️यह मामला केवल एक आरटीआई विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत देता है कि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना और सूचना छिपाने की प्रवृत्ति पर अदालत कठोर रुख अपनाने को तैयार है। पारदर्शिता और कानून के पालन को लेकर यह फैसला प्रशासनिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।