Temple Rented for Wedding : शादी के लिए इंदौर का गोपाल मंदिर किराए पर, जांच के आदेश!
Indore : प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में बिना अनुमति के एक शादी का आयोजन किया गया। रेड कार्पेट बिछाकर बारातियों का स्वागत किया गया। मंदिर को विवाह मंडप की तरह सजाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर भी रोक लगा दी गई। गोपाल मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन आता है, जहां इस प्रकार के आयोजन प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद आयोजन की अनुमति किसने और क्यों दी, ये पता नहीं चला।
इस मामले में एक रसीद भी सामने आई, जिसमें प्रबंधन ने 25,551 रुपए की राशि ली है। जानकारी मिली कि अनुमति के लिए एक लाख रुपए की मांग की गई थी। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने केवल भगवान के दर्शन और प्रसादी वितरण की अनुमति दी थी। लेकिन, आयोजन के दौरान मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और शादी समारोह पूरी धूमधाम से आयोजित किया ।
राजबाड़ा के नजदीक स्थित देवी अहिल्या द्वारा बनाए गए गोपाल मंदिर हाल ही में स्मार्ट सिटी ने जीर्णोद्धार किया है। यहां स्थित करीब 50 किरायेदारों को ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा और जीर्णोद्धार के साथ ही धर्मस्थल की मर्यादा के नाम पर हटाया गया। वहीं अब गोपाल मंदिर का व्यवसायीकरण शुरू हो गया। गोपाल मंदिर में राजकुमार अग्रवाल के परिवार के बच्चों की शादी का आयोजन हुआ।
इस शादी के लिए मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर अंदर तक फूलों की सजावट की गई है, वहीं गर्भगृह के सामने भक्तों के बैठने की जगह दूल्हा-दुल्हन के फेरों के लिए ही हवन कुंड बनाया। मंडप बन जाने के कारण अब भक्तों के बजाए शादी के मेहमानों का जमघट यहां लगा। इस शादी की इजाजत किसने दी, इसको लेकर भी रहस्य है। किसी भी अधिकारी ने इसकी इजाजत नहीं दी, मंदिर के मैनेजर कौशल का कहना है कि मंदिर कमिश्नर कार्यालय के अधीन है और माफी आफिसर विनोद राठौर द्वा्रा इसकी इजाजत दी गई।
जांच के निर्देश दिए गए
इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह ने कलेक्टर आशीष सिंह को जांच के आदेश दिए। कलेक्टर ने मामले की जांच अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को सौंपी है। फिलहाल मंदिर प्रबंधन और शादी आयोजित करने वाले परिवार जांच के दायरे में हैं। उधर, गोपाल मंदिर के पुजारी ने स्पष्टीकरण दिया कि आयोजन केवल आशीर्वाद लेने और प्रसादी बांटने के लिए होना था। लेकिन, बाद में शादी के लिए विशेष सजावट और आयोजन कर दिया गया। वहीं, आयोजक का कहना है कि हमने प्रशासन से अनुमति ली थी। यहां भगवान के चरणों में वर-वधु के फेरे करवाए। इसमें हमें किसी तरह की गलती नहीं लगती।