‘गजराज’ का ‘आतंक’…या ‘सब गजराज की माया है’…

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‘गजराज’ का ‘आतंक’…या ‘सब गजराज की माया है’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

गजराज का मतलब हाथियों का राजा होता है। गजराज नाम का व्यक्ति भी इस नाम के मतलब की तरह व्यवहार करने लगता है। इस नाम का प्रभाव गजराज नाम के व्यक्ति के स्वभाव में भी दिखने लगता है। और सामान्यतः गज और गजराज जब आतंक पर उतारू होते हैं तो जंगल और बस्ती सभी तहस-नहस करने में पीछे नहीं रहते। और इन पर काबू पाना भी मुश्किल होता है। और 8 जुलाई 2025 को ऐसा ही आतंक गजराज नाम के व्यक्ति का मध्य प्रदेश में दिखाई दिया। गजराज नाम का स्वामी ग्रह शनि और शुभ अंक 8 है। और 8 जुलाई को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के गजराज महाशय के चलते पूरा जिला अस्त-व्यस्त रहा। गजराज के चलते भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने नजर आईं। और सबसे मजेदार बात यह है कि गजराज को न तो भाजपा से प्रीति है और न ही कांग्रेस से।

मूल मामला यह है कि अशोकनगर जिले के गजराज लोधी ने बीजेपी कार्यकर्ता पर मारपीट करने और मल खिलाने का आरोप लगाया था। 25 जून 2025 को उसने ओरछा के दौरे पर आए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी से मुलाकात कर मामले की शिकायत की। बाद में गजराज ने जीतू पटवारी पर उसे बहकाकर शिकायत करवाने का आरोप लगाते हुए शपथ पत्र दे दिया। इसी मामले में अशोकनगर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आरोप है कि उन्होंने गजराज लोधी नामक एक युवक को मानव मल खिलाने का झूठा बयान देने के लिए उकसाया था। जिसके आधार पर पुलिस ने पटवारी व अन्य कांग्रेसियों पर केस दर्ज कर लिया। तो कांग्रेस ने इसे झूठा केस बताते हुए एफआइआर निरस्त करने की मांग करते हुए 8 जुलाई को अशोकनगर थाने में सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान किया। और न्याय यात्रा के नाम पर कांग्रेस ने अशोकनगर जिले में अपने विधायकों और दिग्गज नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इसे संभालने में आठ जिलों की पुलिस को अशोकनगर जाकर मोर्चा संभालना पड़ा। 1000 पुलिसकर्मी कांग्रेस के प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए अशोकनगर में डेरा जमाने को मजबूर हुए। भाजपा सरकार की नजर भी हर पल के घटनाक्रम पर टिकी रही। अशोक नगर पुलिस ने कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी का ऐलान मंच से किया और एसडीएम ने गिरफ्तार नेताओं को रिहा करने की घोषणा भी की। वहीं राजधानी भोपाल में मंत्री विश्वास सारंग ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस के प्रदर्शन को विफल बताते हुए उनकी गुटबाजी पर तंज कसा।

अब गजराज कहां है इस पूरी फिल्म में यह किसी को मालूम नहीं है। गजराज ने भाजपा सरकार और कांग्रेस को आमने-सामने ला दिया। भाजपा कार्यकर्ता पर मारपीट का आरोप लगाया और पूरी कांग्रेस को मैदान में लाकर खड़ा कर दिया। गजराज की बात पर भरोसा कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बयानबाजी की और बाद में गजराज पलट गए। अशोकनगर पुलिस ने गजराज को उकसाने और गलत बयान देने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज कर दी। और फिर एफआईआर निरस्त करने की मांग के साथ कांग्रेस ने न्याय यात्रा कर सियासी फायदा भी उठा लिया। अब गजराज के पलटने पर तो किसी का वश नहीं है पर पुलिस की कार्रवाई की खिलाफत तो पुरजोर तरीके से की ही जा सकती है। ऐसा होता है गजराज का आतंक। गजराज ने कांग्रेस को भड़का दिया और खुद शांत होकर मस्ती में यह नजारा देख रहे होंगे।

तो मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 8 जुलाई 2025 को अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह किया। प्रदेशभर से नेता और कार्यकर्ता यहां पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में गिरफ्तारी देने पहुंचे। इसी बीच ग्वालियर ग्रामीण कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने मंच से विवादास्पद बयान भी दे दिया। कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने कहा कि जो मर्द थे वे जंग में आए, जो हिजड़े थे, वे संघ में गए। समझ गए न, इशारा ही काफी है। तो कांग्रेस का आरोप है कि कार्यक्रम में आ रहे विधायकों और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के काफिले को पुलिस ने जगह-जगह चेकिंग के लिए रोका। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें रोकने के लिए 8 जिलों की पुलिस बुलाई गई। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि कार्यकर्ता का जहां पसीना गिरेगा, वहां मेरा, कांग्रेस के नेताओं के खून की अंतिम बूंद गिरेगी। कार्यक्रम के अंत में एसडीओपी विवेक शर्मा ने अशोक नगर में मंच से जीतू पटवारी सहित न्याय सत्याग्रह में उपस्थित सभी लोगों को गिरफ्तार करने की घोषणा की। तत्काल ही अशोकनगर एसडीएम बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने सभी को रिहा करने की घोषणा कर दी।

 

वहीं मध्यप्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग ने अशोकनगर में कांग्रेस के प्रदर्शन को असफल बताया। भाजपा प्रदेश कार्यालय में सारंग ने कहा कि कांग्रेस ने जिस प्रकार से फूहड़तापूर्ण प्रदर्शन की कोशिश की थी, वह पूरी तरह से फेल हो चुका है। इस मामले में कांग्रेस और जीतू पटवारी का रवैया ‘‘चोरी और सीनाजोरी’’ करने वाला है। जीतू पटवारी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने और अपनी छवि चमकाने के लिए बिना तथ्यों के सनसनीखेज खबर फैलाने के दोषी हैं। आरोप लगाया कि कांग्रेस के कथित प्रदर्शन में उनके विधायक साहब सिंह गुर्जर ने ‘‘हिजड़ा‘‘ शब्द का प्रयोग क्या प्रदर्शन में शामिल नहीं होने वाले कमलनाथ, अरूण यादव और अजय सिंह के लिए किया है?

विश्वास सारंग ने कहा कि यह प्रदर्शन कांग्रेस की गुटबाजी का प्रबल उदाहरण प्रस्तुत करता है। पहले चोरी और ऊपर से सीना जोरी, स्वयं गलती करो और उसे छिपाने के लिए कानून और संविधान को धता बताना, स्वयं को कानून और संविधान से ऊपर मानने का गुरूर कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के डीएनए में रहा है। विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस के लोग अधिकारियों से कह रहे हैं कि हमारी सरकार आएगी, तब तुम्हें देख लेंगे। धमकाने और चमकाने की ऐसी ही राजनीति कमलनाथ ने भी की थी और कांग्रेस 114 से घटकर 63 पर आ गई। मैं ये दावा करता हूं कि पहले तिहाई में थे, फिर दहाई में पहुंचे और अगर कांग्रेस के नेता ऐसी ही बातें करते रहे, तो 10 तक भी नहीं पहुंच पाएंगे, इकाई में ही सिमट जाएंगे।

तो गजराज ने एक दिन अशोकनगर जिले के बहाने ही सही पूरे प्रदेश में बेवजह भूचाल ला दिया। सामान्य तौर पर यह सलाह दी जाती है कि कोई भी अपने बच्चे का नाम गजराज रखने के पहले सोच लें क्योंकि नाम का असर बच्चे के स्वभाव पर और व्यवहार पर दिखाई देता है। तो अशोक नगर जिले के इन गजराज महाशय ने भी यह प्रमाणित कर दिया है कि नाम के मुताबिक उथल-पुथल मचाने का स्वभाव उन्हें मिला हुआ है। अब कांग्रेस उनके बहकावे में आ गई इसमें उनका क्या कुसूर। अब घाटे में न भाजपा रही, न मध्यप्रदेश सरकार रही, न कांग्रेस रही और न ही गजराज। बस मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासन को बेवजह ही तनाव लेना पड़ा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल एकत्र कर अतिरिक्त श्रम भी करना पड़ा… और गजराज की वजह से अशोकनगर जिले में सरकारी कामकाज भी ठप रहा। अब इसे चाहे ‘गजराज’ का ‘आतंक’ कहो या यूं समझो कि ‘सब गजराज की माया है’…।