Testimony to RSS Flag : कलेक्टर, निगम कमिश्नर के ध्वज प्रणाम मुद्रा से बवाल!
Satna : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में कलेक्टर अनुराग वर्मा और नगर निगम आयुक्त राजेश शाही की मौजूदगी और ध्वज प्रणाम की मुद्रा ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया। कांग्रेस के नेताओं ने दोनों अफसरों की ध्वज प्रणाम मुद्रा की फोटो ट्वीट करते हुए उन पर कार्रवाई किए जाने की मांग की। जबकि, दोनों अधिकारियों ने इस मामले को लेकर कुछ कहने से इंकार किया। यह फोटो 11 जून को 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष विद्यार्थी श्रेणी के समापन समारोह का है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने रविवार को ट्विटर पर यह तस्वीर शेयर की। इसमें सतना कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त संघ के सदस्यों के साथ ध्वज प्रणाम की मुद्रा में खड़े दिखाई दे रहे हैं। तन्खा ने लिखा ‘सतना में RSS के कार्यक्रम में शामिल होकर ध्वज प्रणाम करने की तस्वीर सतना कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की है! ऐसे रिश्तों से लोक अधिकारी निष्पक्ष चुनाव कैसे करा पाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग ऐसे सभी अधिकारियों को चुनाव संबंधित तैयारियों से दूर रखें।’
विवेक तन्खा ने आगे लिखा ‘मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें। क्या CS ऐसा करेंगे? उनको रिटायरमेंट के पश्चात दूसरा एक्सटेंशन दिया गया है। राज्य की 8 करोड़ जनता अधिकारियों से निष्पक्षता की अपेक्षा करती है। जो अधिकारी राजनीति करेंगे, उनके सितारे गर्दिश में जरूर जाएंगे।’
शर्म कीजिए कलेक्टर (सतना) और निगमायुक्त जी…!!
RSS के कार्यक्रम में इतने बड़े भी *चरणचुंबक* मत बनिए…
क्या आपसे निष्पक्ष चुनाव संपादन की उम्मीद की जा सकती है?
5 माह बाद का भी ध्यान रखिए….
@ChouhanShivraj@digvijaya_28
@OfficeOfKNath @drmohanBhagvat pic.twitter.com/MVUFslX9tQ— KK Mishra (@KKMishraINC) June 17, 2023
संवैधानिक व्यवस्था बर्बाद की
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विवेक तन्खा के ट्वीट को रिट्वीट किया। उन्होंने लिखा ‘भाजपा ने पूरी संवैधानिक व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। मुख्य सचिव महोदय, आप से तो हमें कोई उम्मीद नहीं है। फिर भी देखते हैं कि आप कितने निष्पक्ष हैं।’
इतने चरण चुंबक मत बनिए
कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन केके मिश्रा ने शनिवार को कहा था ‘शर्म कीजिए कलेक्टर सतना और निगमायुक्त जी। RSS के कार्यक्रम में इतने बड़े चरण चुंबक भी मत बनिए। क्या आप से निष्पक्ष चुनाव संपादन की उम्मीद की जा सकती है? 5 महीने बाद का भी ध्यान रखिए।’