इसलिए गुस्साए कांवड़ियों ने की टोल प्लाजा पर तोड़फोड़

1813

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिण्ड-इटावा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 719 पर स्थित बरही टोल प्लाजा पर सोमवार की दोपहर टोल से गुजर रहे कांवड़ियों ने जमकर तोड़फोड़ और कर्मचारियों की लाठी डंडों से मारपीट कर दी। यहाँ तक कि टोल बूथ के कांच तोड़कर अंदर बैठे कर्मचारियों पर भी लाठियां भांज दीं। लेकिन ना तो टोल प्लाजा के कर्मचारियों और ना ही किसी कांवड़िए द्वारा इसकी शिकायत पुलिस में की गई। तोड़फोड़ की पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई।

दरअसल शिवरात्रि के अवसर पर भिण्ड जिले एवं आसपास के जिलों के हजारों लोग उत्तरप्रदेश में स्थित गंगा नदी से कांवड़ भरकर लाते हैं और अपने अपने क्षेत्रों में स्थित भगवान शिव पर गंगाजल चढ़ाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। कांवड़िए गंगा नदी से पैदल ही चलते हैं और बिना कांवड़ को जमीन पर रखे ही लाते हैं। एक कांवड़ लाने के लिए दो लोग जाते हैं ताकि एक व्यक्ति थक जाए तो दूसरा कांवड़ लेकर चल सके। इस दौरान कांवड़ की विशेष सुरक्षा रहती है उससे किसी को भी छूने तक नहीं दिया जाता। नहीं तो कांवड़ को खंडित मानते हैं।

लेकिन बताया जा रहा है कि सोमवार दोपहर को जब कांवड़िए बरही टोल प्लाजा से कांवड़ लेकर गुजर रहे थे तो टोल प्लाजा कर्मचारियों द्वारा केवल बाइक निकलने वाले छोटे से रास्ते को कांवड़ियों के लिए खोला गया था। जो की बेहद संकरा था और बड़ी संख्या में निकल रहे कांवड़ियों के लिए नाकाफी था। ऐसे में कांवड़िए व्हीकल लेन से गुजरने लगे। इसी दौरान टोल बूम किसी कांवड़ पर गिर गया, जिससे नाराज कांवड़ियों ने टोल प्लाजा पर जमकर तोड़फोड़ कर दी। उन्होंने लाठी डंडों से टोल बूथ की खिड़की के कांच तोड़कर अंदर बैठे कर्मचारियों पर भी डंडे बरसा दिए। उन्होंने वहां रखे सामान को भी उठा उठाकर फेंका। लेकिन कांवड़ियों के चलते टोल प्लाजा कर्मचारियों द्वारा इसकी शिकायत नहीं की गई। लेकिन टोल पर तैनात अधिकारियों को कम से कम एक लें को बंद कर उससे कांवड़ियों की आवाजाही को होने दिया जाना चाहिए था।