छतरपुर: कलेक्ट्रेट में जमीन पर बैठी यह वृद्ध महिला पिछले कई सालों से कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में आ रही है जहां उसका आरोप है कि अब तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है।
इस बार जनसुनवाई में पहुंची महिला को आस है कि नए कलेक्टर उसकी फरियाद सुनेंगे और निराकरण करेंगे।
मामला जिले की लवकुशनगर तहसील के गुहाकला गांव का है जहाँ की हसमत खातून का आरोप है कि उसे SDM, तहसीलदार, पटवारी द्वारा परेशान किया जा रहा है। उसका भूमि नामांतरण उसके नाम दर्ज नहीं किया जा रहा उसके पति का भूमि स्वामी तथा पुश्तेनी पट्टा है जो उसके पति की मृत्यु के बाद उसके नाम दर्ज होना है। लेकिन उसके पति की मौत के बाद पति का नाम राजस्व रिकॉर्ड में 1989 में छोड़ दिया गया।
वर्ष 97-98 में दूसरे व्यक्ति का पट्टा बना दिया गया। जिसकी अपील उसने की तो पट्टा निरस्त कर दिया गया। उसका आरोप है कि वह 17 बार न्याय के लिए आवेदन कर चुकी है लेकिन अब तक उसके आवेदन पर कोई कार्यवाही सुनवाई नहीं हुई।
वह न्याय के लिए बार-बार चक्कर लगा रही है। उसका कहना है कि वह हर जनसुनवाई में आती है। अब तक वह 17 आवेदन दे चुकी है। इसके पहले भी जो 2-3 कलेक्टर रहे हैं उनको भी आवेदन दे चुकी है। बाबजूद इसके आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
आरोप है कि अधिकारियों ने गलत आदेश दे दिया है और उसके पट्टे को निरस्त कर दिया गया। वह बहुत गरीब और लाचार है। अपना भरण-पोषण खुद करती है। वर्तमान में उसके पति की भूमि मध्य प्रदेश शासन में दर्ज है। वह चाहती है कि उसका पट्टा दोबारा रिन्यू हो जाये और उसका नाम चढ़ जाये।
बाईट- हसमत खातून (पीड़ित वृद्ध महिला)
बाईट- शहज़ाद बख़्स (व्रद्ध महिला का लड़का)