
D R देने से पहले अधिनियम में सहमति का प्रावधान नहीं, पेंशनर्स ने वित्त विभाग पर लगाया मनमानी का आरोप
भोपाल: पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी एवं प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की गलत व्याख्या कर D R आदेश जारी करने का आरोप लगाया है । सक्सेना ने कहा कि अधिनियम में केवल 1 नवंबर 2000 से पहले के पेंशन दायित्वों का विभाजन किया गया है। 1 नवंबर 2000 के बाद दिए जाने वाले महंगाई राहत का अधिनियम में विभाजन का प्रावधान नहीं है । केंद्रीय तिथि से महंगाई राहत नहीं देकर सरकार पेंशनरों के साथ लगातार भेदभाव कर रही है, जो संवैधानिक व्यवस्था के प्रतिकूल है ।
जोशी ने आरोप लगाया कि दोनों राज्य महंगाई राहत देने की सहमति का आदान-प्रदान कर अधिनियम की मूल भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं एवं जिसके कारण लाखों पेंशनरों में विगत 25 वर्षों से भारी आक्रोश व्याप्त है ।
भोपाल जिले के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा है कि प्रदेश के लाखों पेंशनर को बताना चाहिए कि सरकार किस नियम के तहत महंगाई राहत की तिथि एवं अवधि में कटौती कर 8 से 10 माह का एरियर्स हड़प कर रही है । शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय तिथि और अवधि में परिवर्तन कर वित्त विभाग मनमाने ढंग से महंगाई राहत के आदेश जारी कर रहा है ।





