चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय फलित व वैज्ञानिक मर्म भी फ्लावर मून उपछाया ग्रहण से चंद्रमा दिखेगा फीका
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक शोधपूर्ण रिपोर्ट
5 मई 2022 को बैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा को साल का पहला उप छाया चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। प्रदेश के यशस्वी ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शर्मा ने मीडियावाला को बताया कि 5 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात के 8.45 बजे से प्रारंभ, होकर देर रात 1.00 बजे समाप्त होगा। यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में आरंभ होगा और ग्रहण के मध्य काल और मोक्ष काल में विशाखा नक्षत्र होगा। साथ ही भद्रा का साया भी रहेगा।
भारत में दृश्य नहीं
श्री शर्मा ने बताया कि चूंकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा यानि चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पूरी नहीं पड़ती बल्कि धुंधली सी रहती है। इसीलिए इसे उपछाया ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर सिर्फ एक तरफ रहने के कारण यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। उप छाया चंद्रग्रहण और भारत में दृश्य नहीं होने के कारण इसमें सूतक मान्य नहीं रहेंगे। उपछाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा अपने पूर्ण आकार मे ही रहता है।
सामान्य प्रभाव,प्राकृतिक आपदाओं की संभावना
ग्रहण के सामान्य फलित पूछने पर पंडित शर्मा ने कहा कि इस उपछाया चंद्रग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा। इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं,किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने के संकेत मिल रहे हैं। राजनीती से दुःखद समाचार, फिल्म इंडस्ट्री से भी दुःखद समाचार, व्यापार मे तेजी, बीमारियों में कमी आएगी। जब मैंने उनसे इस ग्रहण के राशिगत प्रभाव पूछे तो श्री शर्मा ने कहा कि यूं तो किसी भी एक ही राशि के हर व्यक्ति पर ग्रहण का प्रभाव उसकी जन्म पत्रिका अनुसार अलग अलग होगा पर सामान्य रूप से ज्योतिष के सिद्धांत अनुसार जो संभावनाएं हो सकती हैं,उनकी जानकारी आपको दे सकता हूं। तब उन्होंने निम्न जानकारी दी।
बारह राशियों पर ग्रहण का असर
मेष राशि मेष राशि के सप्तम भाव में यह ग्रहण लगने जा रहा है। दांपत्य जीवन में परेशानी आ सकती है। मानसिक पीड़ा, धन हानि, आकस्मिक दुर्घटना से बचाव करें। वैवाहिक जीवन जीवन का ध्यान रखें।
वृष राशि वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है, इसीलिए चंद्रग्रहण के दौरान अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रखें। रुके हुए काम पूरे होंगे। बाद विवाद मुकदमों से छुटकारा मिलेगा। जल्दबाजी में निर्णय न लें।
मिथुन राशि मिथुन राशि वालों के लिए ये ग्रहण पंचम भाव में आ रहा है।इस समय अपनी बुद्धि तीव्र रखो
सेहत और मुकदमेबाजी का ध्यान रखों संतान पक्ष को समस्या हो सकती है। यात्राओं में विशेष सावधानी रखें।
कर्क राशि कर्क राशि चंद्रमा की खुद की राशि है। कर्क राशि के चौथे भाव में ये ग्रहण लगने जा रहा है। इस समय अपनी माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। शिक्षा और केरियर के लिए खूब सोच विचार कर निर्णय लें। स्त्री पक्ष की सेहत का ध्यान रखे।
सिंह राशि सिंह राशि के तीसरे भाव में ये चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। कार्यक्षेत्र में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रुकावटें दूर होंगी। धन संबंधी मामलों में सुधार होगा। भाई-बहन के साथ संबंधों का ध्यान रखें।
कन्या राशि कन्या राशि वालों के लिए ये ग्रहण धन भाव में रहेगा। चंद्र ग्रहण कन्या राशि के जातकों के लिए अच्छा रहने वाला है। धन लाभ होगा, परिवार में खुशियां आएंगी, उधार देने से बचें। सेहत खराब हो सकती है।
तुला राशि तुला राशि वालों को इस चंद्र ग्रहण के दौरान सावधान रहना होगा। आपकी मानसिक, भौतिक स्थिति कमजोर हो सकती है। सेहत की समस्या व दुर्घटना से बचें। लिखा पढ़ी के काम में सावधानी रखें। प्रेम और रिश्तों के मामले में अपयश मिल सकता है।
वृश्चिक राशि वृश्चिक राशि में चंद्र नीच का रहता है। इसीलिए चंद्र ग्रहण के दौरान मन को स्थिर रखना है। पारिवारिक और आंखों की समस्या के योग है। धन और संपत्ति का नुकसान हो सकता है। वैवाहिक मामलों और रिश्तों में समस्या हो सकती है।
धनु-राशि धनु राशि के ग्यारहवें भाव में यह ग्रहण है परंतु ये चंद्र ग्रहण आपके लिए धन , संपत्ति, वैभव, सुख देने वाला रहेगा। आपकी स्थिति मजबूत रहेगी। धनधान्य- पैसा और सम्मान बढ़ेगा। अचानक लाभ हो सकता है।
मकर-राशि मकर राशि वालों को चंद्र ग्रहण के दौरान कर्मों के प्रति सचेत रहना पड़ेगा। रुके हुए महत्वपूर्ण काम बन पाएंगे। इस समय बड़े निर्णयों में जल्दबाजी न करें। कुंभ राशि कुंभ राशि वालों के लिए ये ग्रहण नौवे भाव में लगने जा रहा है। माता-पिता की सेहत का ध्यान रखें। आराम का ध्यान रखें। महत्वपूर्ण काम टालने से बचें।
मीन राशि मीन राशि वालों के लिए ये ग्रहण खराब साबित हो सकता है। इस समय माता के स्वास्थ्य का
ख्याल रखना बेगा। परिवार की सेहत का ध्यान रखें। मानसिक कष्ट हो सकते हैं।
5 मई को फ्लॉवर मून उपछाया ग्रहण से चंद्रमा दिखेगा फीका,अनमना सा शुक्रवार 5 मई बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्त खगोल विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मीडियावाला को बताया कि शाम 8 बजकर 44 मिनिट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्त होगा । 4 घंटे 18 मिनिट अवधि के इस ग्रहण का मध्यकाल रात 10 बजकर 52 मिनिट पर होगा । यह उपछाया ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया , दक्षिणी पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा । विश्व की कुल आबादी का लगभग 83 प्रतिशत लोग इसका कुछ न कुछ भाग तथा लगभग 56 प्रतिशत लोग इस पूरे ग्रहण को देख सकेंगे। सारिका ने विद्या विज्ञान कार्यक्रम में बताया कि इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जायेगी । इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनो बनेगी । इस ग्रहण के समय चंद्रमा उपछाया वाले भाग से होकर निकलेगा जिससे ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जायेगी । सारिका ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के इस चंद्रमा को पश्चिमी देशों में वहां इस मौसम में प्रचुर मात्रा में खिलने वाले फूलों के कारण फ्लॉवर मून नाम दिया गया है । नेटिव अमेरिकी इसे बडिंग मून, एग लेयिंग मून, प्लाटिंग मून नाम से भी पुकारते हैं। इस कारण यह फ्लॉवर मून पर लगने वाला ग्रहण् भी कहला रहा है। सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि 130 सालों बाद बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हो रहा है जबकि 26 मई 2021 को दिखा चंद्रग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही था इसके अलावा कुछ रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस ग्रहण के समय चंद्रमा पास होगा जबकि 5 मई को चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 80 हजार किमी दूर रहेगा, यह कम नहीं मध्यम दूरी है । जबकि कम दूरी में सुपरमून के समय यह दूरी 3 लाख 60 हजार किमी के लगभग रह जाती है ।