दुनिया की बेहतरीन फिल्म मुग़ले-आज़म का तोहफा देने वाले निर्देशक के.आसिफ़ का जन्म-शताब्दी समारोह 25 को

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मुग़ले-आज़म

० इटावा में जन्मे और पढ़े थे आसिफ़

० मुम्बई में दर्जी का काम किया

० जुनून ने बनाया महान निर्देशक

भोपाल: हिंदी सिनेमा को ‘मुग़ले-आज़म’ जैसी आइकॉनिक फिल्म का तोहफा देने वाले प्रसिद्ध निर्देशक के.आसिफ का जन्म शताब्दी समारोह 25 सितंबर को इटावा में आयोजित होगा। के.आसिफ़ का जन्म इटावा में ही हुआ था।

‘चंबल फाउंडेशन’ के संस्थापक दस्तावेज़ी फिल्मों के निर्माता ,लेखक,पत्रकार शाह आलम ने यह जानकारी दी है। समारोह उसी इस्लामिया इंटर कॉलेज में हो रहा है जहां आसिफ़ ने पढ़ाई की थी।

इस बार जन्म शताब्दी समारोह की थीम ‘सिनेमा-संसार : कला या बाज़ार’ रखा गया है।
समारोह को राज्यसभा टीवी के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फिल्मकार राजेश बादल, प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक अजीत राय, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक, द डेली गार्जियन के फ़िल्म समीक्षक मुर्तजा अली खान, चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी चेयरमैन प्रो. मोहन दास संबोधित करेंगे।

जानिए के आसिफ के बारे में
के. आसिफ का जन्म 14 जून, 1922 को इटावा शहर के मोहल्ला कटरा पुर्दल खां में हुआ था।
मुफलिसी से घिरे हुए के.आसिफ इस्लामिया इंटर कालेज में सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ाई कर पाए।
इसके बाद वे मायानगरी मुंबई चले गए और वहां दर्जी का काम करने लगे लेकिन सिनेमा के प्रति उनकी दिवानगी ने उन्हें अव्वल दर्जे का निर्देशक बना दिया।
सन 1945 में उनके निर्देशन में बनी फिल्म फूल रिलीज़ हुई। यह अपने समय की शुरुआती मल्टी स्टारर फ़िल्मों में से एक थी।उसके बाद ख़्वाजा अहमद अब्बास के साथ भी काम किया।

आसिफ़ ने मुग़ले आज़म का निर्माण अमौस सिने लैबोरेटरी के मालिक शीराज़ अली हाक़िम के साथ शुरू किया लेकिन उसी समय भारत विभाजन की विभीषिका सामने आ गयी। शिराज़ अली ने स्टूडियो बेच दिया और फ़िल्म के एक्टर हिमाल्यवाला पाकिस्तान चले गए।
के.आसिफ़ ने पाकिस्तान जाना मंज़ूर नहीं किया।
बाद में फेमस सिने स्टूडियो के मालिक शापूर जी से आसिफ़ की मुलाक़ात हुई और तब आसिफ़ का सपना पूरा हुआ।

क़रीब 14 साल के लगातार उतार चढ़ाव के बाद उनके द्वारा निर्देशित ‘मुगले आज़म’ 5 अगस्त 1960 को 150 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज़ हुई थी और पहले हफ़्ते में ही 40 लाख रु का कारोबार करके रिकॉर्ड बनाया था। बाद में आसिफ़ ने रंगीन फ़िल्म लव एंड गॉड बनाना शुरू की थी लेकिन उनके अचानक निधन के कारण पूरी नहीं हो सकी थी।

‘मुग़ले-आज़म’ दुनिया की बेहतरीन फिल्मों में शुमार की जाती है।
आसिफ़ का मात्र 48 साल की उम्र में निधन हो गया था।