राजनेताओं से रौनक बिखरी रही राजधानी में …

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राजधानी भोपाल में गुरुवार को राजनेताओं से रौनक बिखरी रही। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल की बड़ी-बड़ी हस्तियां राजधानी में न केवल मौजूद रहीं, बल्कि फुल एक्शन में रहीं। भाजपा की बड़ी बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में संपन्न हुई। इसमें शिव-विष्णु, शिव-मुरली, कैलाश, पंकजा सहित सारे दिग्गज मौजूद रहे। हितानंद शर्मा ने संगठन महामंत्री बतौर मंच संभाला, तो सुहास भगत को औपचारिक विदाई दी गई। तो कांग्रेस में कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पी.सी. शर्मा, कांतिलाल भूरिया सहित तमाम बड़े नेता राजधानी में महंगाई के खिलाफ एकजुट हुए। रौनक बिखरी रही, राजनेता अपने-अपने मिशन में जुटे रहे। तो शाम को भाजपा के दिग्गज , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के निवास पर डिनर पॉलिटिक्स में शामिल रहे। कभी-कभी यह राजधानी इतने राजनेताओं की झलक पाने को तरस जाती होगी, तो गुरुवार को यह इन दिग्गजों से गुलजार रही।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में पार्टी के स्थापना दिवस एवं आगामी कार्यक्रमों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बूथ को सक्षम, पार्टी को मजबूत बनाने के लिए रणनीति बनाकर लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास पर जोर दिया गया। बूथ विस्तारक योजना और समर्पण निधि अभियान के काम को सराहा गया। समाज के सभी वर्गों तक पहुंचकर पार्टी के वोट शेयर को 51 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति पर अमल करने की बात हुई। निवृत्तमान संगठन महामंत्री सुहास भगत को भावपूर्ण विदाई दी गई तथा नए संगठन महामंत्री हितानंद का स्वागत किया गया। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सह प्रभारी पंकजा मुंडे सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में आयोजित महंगाई मुक्त भारत अभियान का आगाज मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में हुआ। प्रदेश में महंगाई मुक्त भारत अभियान का भोपाल से शंखनाद हुआ। वहीं प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर प्रदेश भर की सभी जिला इकाईयों में भी इस अभियान का शुभारंभ हुआ। कांग्रेस नेताओं ने महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरा,तो महिला कांग्रेस ने ‘महंगाई डायन खाए जात हैं’ गीत गुनगुनाकर अपना दर्द बयां किया।
माहौल लगने लगा कि साल 2023 चुनावी है। भाजपा-कांग्रेस की पूरी तैयारी है। मतदाताओं पर निगाहें हैं, तो कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बढ़ रही है। कोई भी कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। फिलहाल आज अप्रैल फूल है, तो कल हिंदू नववर्ष की शुरुआत है। सो अब आगामी चुनावों को लेकर माना जा सकता है कि मतदाताओं को कोई मूर्ख नहीं बना सकता, लेकिन फिलहाल हिंदुत्व का मुद्दा भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है। राजधानी में राजनेताओं की रौनक का सिलसिला शायद अब बरकरार रहेगा।