क्लोरीन गैस के रिसाव ने डरा तो दिया था…
कौशल किशोर चतुर्वेदी की खास रिपोर्ट
भोपाल: क्लोरीन गैस के रिसाव ने एक बार फिर भोपालवासियों को दहशत में तो ला ही दिया था। बात इतनी सी है कि करीब 38 साल पुराने गैस के दिए जख्म अब भी फफोले बनकर हजारों भोपालवासियों की देह को जला रहे हैं। ऐसे में जब बुधवार को क्लोरीन गैस के रिसाव की घटना सामने आई तो वही प्रतिक्रिया हुई, जो स्वाभाविक थी। जिसने जख्म हरे कर दिए थे भोपालवासियों के।
भोपाल की मदर इंडिया कॉलोनी में बुधवार शाम क्लोरीन गैस टैंक लीक हो गया था। इससे गैस फैलने से हड़कंप मच गया। बस्ती में रहने वाले लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इससे लोग घरों से बाहर निकल आए। गैस की चपेट में आए करीब एक दर्जन लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस क्लोरीन गैस का रिसाव एक वाटर फिल्टर प्लांट से हुआ था। यह घटना उस समय हुई जब क्लोरीन को पानी में मिलाया जा रहा था। सिलेंडर में लीकेज गैस रिसाव की वजह बना। इसके बाद सिलेंडर को पानी में डाल दिया गया। जहां सिलेंडर को डाला गया था, वहां से पानी नाले में जाता है। जब यह पानी पास की मदर इंडिया कॉलोनी में पहुंचा तो लोगों को पानी से दिक्कत होने लगी। उनके आंखों में जलन होने लगी, खांसी आने लगी। इससे लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर आ गए।
भोपाल में 2-3 दिसम्बर सन् 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई थी। इसे भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुए था, जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। भोपाल गैस काण्ड में मिथाइलआइसोसाइनाइट (MIC) नामक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ था। जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। मरने वालों के अनुमान पर विभिन्न स्त्रोतों की अपनी-अपनी राय होने से इसमें भिन्नता मिलती है। रिसाव से करीब 558,125 सीधे तौर पर प्रभावित हुए और आंशिक तौर पर प्रभावित होने वालों की संख्या लगभग 38,478 थी।
गैस पीड़ितों की लड़ाई अब भी जारी है। ऐसे में क्लोरीन गैस ने भोपालवासियों की धड़कनें तेज कर दीं। भोपालवासियों को भी पता है कि वह काली रात आने की अब कोई संभावना नहीं है। पर वह भयावहता आज भी किसी भी घटना के होने पर झंकझोर देने के लिए काफी है। इसीलिए क्लोरीन गैस के रिसाव ने भोपालवासियों को डरा तो दिया ही था…।